इस बार ठंड ने समय से पहले दस्तक दे दी, ये बात और है कि प्रदेश में मौसम इन दिनों शुष्क बना हुआ है। मैदानी इलाकों में सुबह के वक्त हल्की धुंध दिखने लगी है, लेकिन तापमान सामान्य बना हुआ है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। अभी कड़ाके की ठंड शुरू नहीं हुई है। 8 नवंबर से उत्तराखंड की कुछ जगहों में बारिश और हिमपात से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बर्फबारी के बाद शीतलहर चलने की भी संभावना है। पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग जिलों में ऊंचाई वाली जगहों पर बर्फबारी की संभावना बन रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक नवंबर के पहले सप्ताह से तापमान में गिरावट आ सकती है। आगे पढ़िए
प्रदेश में हवा के पैटर्न के बदलाव के साथ ही सर्दी का असर भी बढ़ता जा रहा है। सूर्यास्त के बाद से ही सर्दी महसूस हो रही है। मध्यरात्रि के समय ठंड का असर बढ़ रहा है। रात के तापमान में लगातार गिरावट जारी है। मौसम में आए बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियों का कहर भी बढ़ने लगा है। लोगों में सर्दी-जुकाम, बुखार और गले की समस्याओं संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। आप भी कुछ सावधानियां बरत कर इन बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। बदलते मौसम में गले में दर्द और खराश की समस्या आम है, इसे कम करने और सर्दी के लक्षणों में नमक पानी के गरारे करने से लाभ मिलेगा। तुलसी सबसे अच्छी एंटीवायरल जड़ी-बूटियों में से एक है जिसे खांसी, सर्दी और गले में खराश में बहुत प्रभावी माना जाता है, इसके काढ़े का नियमित तौर पर सेवन करें।