70 करोड़ की लागत से बना उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर ब्रिज पलभर में हुआ धराशाई, जांच के आदेश

उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर पुल बनने से पहले दूसरी बार टूट चुका है। इससे पहले जुलाई 2022 में इस पुल की शटरिंग गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी।

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रूद्रप्रयाग जिले में ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के पास एक पुल गिर गया। हाईवे 58 पर नरकोटा के पास बन रहा नया सिगनेचर वैली ब्रिज गुरुवार की शाम अचानक गिर गया। Rudraprayag Bridge collapsed पुल टूटने के दौरान यहां मजदूर काम कर रहे थे लेकिन गनीमत रही कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं। किसी तरह का कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। चारधाम सड़क परियोजना के तहत लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल पिछले तीन सालों से बन रहा है। इससे पहले 20 जुलाई, 2022 को भी सिग्नेचर ब्रिज गिर गया था। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। चारधाम यात्रा के लिहाज से इस ब्रिज को काफी अहम माना जा रहा था। इस ब्रिज की कुल लंबाई 110 मीटर और ऊंचाई करीब 40 मीटर प्रस्तावित थी। बताया जा रहा है कि पुल के जिस हिस्से पर यह हादसा हुआ वहां कुछ समय पहले ही एलाइनमेंट बदला गया था।

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पुल के एक हिस्से के ढहने की सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आरसीसी कंपनी के परियोजना प्रबंधक रूपेश मिश्रा से जानकारी हासिल की। 110 मीटर की लंबाई वाले इस मोटरपुल की ऊंचाई तकरीबन 40 मीटर तक है. सिग्नेचर ब्रिज ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्मित किया जा रहा था। नरकोटा में एनएच के बड़े हिस्से को रेलवे ने अधिकृत किया है। जिसके बाद हाईवे के स्थान पर इस सिग्नेचर ब्रिज को निर्मित किया जा रहा है। इस वर्ष मई माह तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होना था, लेकिन नहीं हो पाया। पुल का निर्माण कार्य लगातार चल रहा था, लेकिन गुरूवार दोपहर को अचानक पुल के एक छोर का टॉवर धराशाई हो गया।