उत्तरकाशी टनल हादसा: टनल से बाहर आते ही ऐसे होगा रेस्क्यू, अस्पताल से लेकर हेलीपैड तैयार

सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए पिछले छह दिन से बचाव अभियान चल रहा है। आज सातवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 

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टनल में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए कई एजेंसियां रेस्क्यू टीम में जुटी है। Uttarkashi Tunnel Rescue Update लेकिन मजदूरों के बाहर आने के बाद एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जिसको देखते हुए दूसरे तरफ से बचाव के लिए मॉक ड्रिल भी किया जा रहा है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से 6 बेड का अस्थाई अस्पताल भी तैयार किया जा चुका है। साथ ही टनल से कुछ दूरी पर हैलीपेड तैयार किया गया है। जिससे किसी भी इमरजेंसी में मजदूरों को एयरलिफ्ट किया जा सके। इसके लिए मजदूरों को एम्स या बड़े अस्पतालों में भीभर्ती किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 6 से 7 दिन अगर मजदूर टनल के अंदर रहे हैं तो उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब हो सकती है।

जितना अहम वर्तमान में रेस्क्यू अभियान चल रहा है। उतना ही मुश्किल मजदूरों को बाहर सुरक्षित आने के बाद उन्हें स्वस्थ्य तरीके से सामान्य परिस्थिति में लाया जा सके। इसके लिए प्रशासन और शासन की ओर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पीएमओ से लेकर शासन स्तर पर अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि ढही हुई सुरंग के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुहा बन गई है, सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है।