उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को रात में दिया गया वेज पुलाव और मटर-पनीर, डॉक्टरों की निगरानी में बन रहा खाना

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों तक खाना पहुंचाने के लिए छह इंच की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है, मंगलवार रात सॉलिड फूड आइटम भेजे गए, जिसमें वेज पुलाव और मटर पनीर भेजा गया।

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सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। workers trapped in Uttarkashi Tunnel बीते 11 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभीतक रेस्क्यू टीम को कोई खास सफलता नहीं मिली है। हालांकि 11वें दिन यानी 21 नवंबर को मजदूरों के लिए राहत की बात ये है कि रेस्क्यू टीम उनसे अच्छी तरह से संपर्क कर पाई और पाइप के माध्यम से मजदूरों के लिए खाना भी भिजवाया गया। मजदूरों तक खाना पहुंचाने के लिए छह इंच की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बंद पड़ी सुरंग में छेद कर फिट किया गया है। मंगलवार रात मजदूरों को खाने में पाइप के जरिए वेज पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गईं। ‘नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कोर्पोरेशन’ (NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने इसकी जानकारी दी है।

इस पाइप के जरिए तकरीबन 5-10 किलोग्राम संतरा, सेब, मिठाई आदि भेजी गई है, इसके साथ ही 5 दर्जन केला भी अंदर भेजा गया है। साथ ही दवा, नमक, इलेक्ट्रॉल को भी भेजा गया है। डिनर में मजदूरों को मंगलवार रात सॉलिड फूड आइटम भेजे गए, जिसमें वेज पुलाव और मटर पनीर शामिल हैं। इसके अलावा, चार इंच वाले पाइप के जरिए ड्राई-फ्रूट, पानी और दवाइयों को भेजा जा रहा है। डिनर में मजदूरों को खाने के 150 पैकेट भेजे गए हैं। खाने के पैकेजिंग में भी मंगलवार को बदलाव किया गया। सोमवार को प्लास्टिक की बोतल में खाना पैक किए जाने के कारण इसे मजदूरों तक पहुंचाने में दिक्कत हुई। इसको लेकर छोटे- छोटे पैकेट तैयार किए गए। इससे पाइप के भीतर पहुंचने में दिक्कत नहीं होने का दावा किया गया। सारे पैकेट करीब 3 इंच की गोलाई के बनाए गए।