पौड़ी जिले के सपलोडी गांव में गुस्साए ग्रामीण ने पिंजरे में फंसे एक गुलदार को जिंदा की आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद गुलदार की मौत हो गई। Pauri Grahwal Imprisonment Leopard वन विभाग की टीम जब तक मौके पर पहुंची तब तक गुलदार पूरी तरह जल चुका था। अदालत ने तत्कालीन ग्राम प्रधान समेत पांच दोषियों को एक साल की कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 3,500 रुपए के अर्थदंड भी लगाया है। पाबौ ब्लॉक के सपलोड़ी गांव में बीते 24 मई 2022 को पिंजरे में कैद गुलदार को अधिकारी और कर्मचारी नागदेव रेंज कार्यालय ले जा रहे थे। तभी गुस्साए लोगों ने वन विभाग की टीम से पिंजरा छीन लिया। जिसके बाद लोगों ने पिंजरें पर घास और पेट्रोल डालकर गुलदार को जिंदा जला दिया।
प्रकरण में वन दरोगा की तहरीर पर कोतवाली पौड़ी में तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित पांच नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, लोक सेवक के कामकाज में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इन पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, वन कर्मियों पर हमला करने और पिंजरे में कैद गुलदार को मार डालने के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी जांच पाबौ चौकी के प्रभारी पुलिस उपनिरीक्षक दीपक पंवार ने की। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की। वहीं, अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की अदालत ने तत्कालीन ग्राम प्रधान अनिल कुमार नेगी, देवेंद्र सिंह, सरिता देवी, भुवनेश्वरी देवी और कैलाशी देवी को दोषी पाया है। जिन्हें अदालत एक साल की कारावास और 3,500 रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।