पेपर लीक मामले में बढ़ते चौथरफा दवाब के बाद अब क्या सीएम धामी का मूड बदल रहा है, क्यों प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की बाच कर दी। UKSSSC Paper Leak Dehradun Protest क्या नकल जिहाद पर घिरी सरकार धीरे-धीरे बेकफुट पर आ रही है सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के बाद अब सीएम धामी बोले CBI जांच कराने में सरकार को कोई दिक्कत नही। दोस्तो एक पेपर के लीक होने को लेकर मचे बवाल में अब नया मोड़ आया है। जहां एक ओर बेरोज़गार युवा सड़कों पर उतरकर सीबीआई जांच की मांग को लेकर अडिग हैं, वहीं दूसरी ओर अब तक सख्त रुख अपनाए बैठी सरकार भी धीरे-धीरे बैकफुट पर आती दिख रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो कुछ दिन पहले तक सीबीआई जांच की मांग को नकारते नजर आ रहे थे, अब कह रहे हैं कि अगर छात्र चाहेंगे तो सीबीआई जांच कराने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के बाद अब खुद मुख्यमंत्री धामी का यह बयान सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है, तो सवाल ये है कि क्या छात्रों का आंदोलन ला रहा है असर? क्या अब होगी इस हाई-प्रोफाइल पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच? और क्या सरकार वाकई युवाओं के पक्ष में खड़ी है या यह सिर्फ सियासी दबाव का नतीजा है? क्योंकि ये खबर सिर्फ एक घोटाले की नहीं, उत्तराखंड के लाखों युवाओं के भविष्य की है।
दोस्तो वैसे क्या वजह है कि पहले सीबीआई जांच को लेकर एक मत नहीं दिख रही बीजेपी और सरकार अब अचानक से सीबीआई जांच की बात करने लग गई। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच को लेकर युवाओं का आंदोलन अब धीरे -धीरे रंग लाने लगा है। देहरादून के परेड ग्राउंड से उठी इस लड़ाई की चिंगारी जहां अब राज्य के प्रत्येक जनपद, ब्लाक में पहुंच गई है वहीं अब धीरे -धीरे सरकार भी बैकफुट पर आने लगी है। यही कारण है बीते दिनों आंदोलनरत युवाओं को नकल जेहादी तक बताने वाले राज्य सरकार के मुखिया के सुर न केवल बदलने लगे हैं बल्कि इस मामले में बीते रविवार को उनके सख्त लिहाज में नर्मी भी देखने को मिली है। यही कारण है कि अब तक सीबीआई जांच की मांग को सिरे से नकारने वाले मुख्यमंत्री सवालों का जबाब देते हुए यहां तक कह दिया कि हमें किसी भी जांच में कोई दिक्कत नहीं है, अगर युवा सीबीआई जांच ही चाहते हैं तो हम वो भी करा लेंगे पर पहले एसआईटी जांच पूरी हो जाएं। दोस्तो इतना ही नहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अभी जब एआईटी जांच कर रही है तो पहले वो पूरी हो जाए, हमें किसी जांच से परहेज नहीं है।
सीबीआई जांच से भी परहेज नहीं है, छात्रों के हित में जो भी जांच करानी पड़े हम कराएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी आरोपी छूटेगा नहीं, एसआईटी जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा। सबको सजा मिलेगी, इस दौरान उन्होंने बांबी पंवार पर भी निशाना साधा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 21 सितंबर को 80 हजार से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था। यहां एक व्यक्ति ने केवल अपने लिए ये काम किया है। ये नकल का मामला है अगर पेपर बाहर आया तो कुछ खास व्यक्तियों तक कैसे पहुंचा, इसकी जांच के लिए ही एसआईटी गठित की गई है। आपको बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने नैनीताल में भी नकल माफियाओं पर जमकर निशाना साधा। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से नकल माफिया पेपर लीक का षडयंत्र रचकर भोले भाले नौजवानों को बरगलाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। ये नकल माफिया समझ लें कि उनकी ये दाल उत्तराखंड में नहीं गलने वाली है। उत्तराखण्ड के युवा समझदार है और अपना हित-अहित जानते हैं। बीते शनिवार को छात्रसंघ चुनावों में भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी को मिली जीत इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मेरे जीते जी कोई भी युवाओं के साथ अन्याय नहीं कर सकता है। हालांकि इस बार उन्होंने नकल जिहाद शब्द बोलने से परहेज़ किया।
दोस्तो इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने भी सीबाईआई जांच की मांग की थि। ये तभ है पेपर लीक मामले में हाकम सिह कि गिरफ्तारी हुई है, तो ऐसे में त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के कई तरफ के सियासी सवाल भी उठते दिखाई दिए। दोस्तो फिलहाल यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में जहां एक ओर छात्रों का आंदोलन लगातार तेज़ होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार के रुख में भी बदलाव साफ़ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब कह रहे हैं कि अगर छात्र चाहेंगे तो सीबीआई जांच भी कराई जाएगी…एक बार फिर सुनिए क्या कहा धामी ने लेकिन सवाल अब भी वही है — क्या ये सिर्फ दबाव में लिया गया बयान है या वाकई युवाओं को न्याय दिलाने की मंशा?आने वाले दिनों में ये साफ़ हो जाएगा कि सरकार छात्रों के साथ है या सियासत के दबाव में कोई मजबूर कदम उठा रही है। फिलहाल इस मामले में अभी भी इंतजार इस बात का है कि क्या सरकार सीबीआई जांच कराती है कराती है तो कब कराएगी। क्योंकि परेड मैदान में डटे बेरोजगार संघ वाले इससे कम पर मानने को तैयार नहीं है। साथ ही आयोग को उनके पद से हटाने की मांग की बेरोजगारों की प्रमुख मंग है, लेकिन इस मामले में भी अभी तक सरकार ने ना कोई एकशन लिया है और ना ही कोई बात सरकार तरफ से की जार ही है। आयोग के अध्यक जीएस मर्तोलिया को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। ऐसे में दोस्तो क्या आगे होगा इस पूरे मामले ये देखना होगा। वहीं इधर एक तस्वीर ऐसी भी देखने को मिली जब यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में खानपुर से विधायक उमेश कुमार ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिख इस मामने में ज्ञापन सौंपा और उमेश कुमार पहले विधायक हैं जो पेपर लीक के मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सीएम धामी से मिले। उनकी सीएम से हुई मुलाकात में सीएम धामी ने आश्वासन दिया कि बच्चे हमारे ही है, हमें भी पीड़ा है और समाधान मैं ही करूंगा।