चारधाम में कल शाम चार बजे बंद नहीं कर पाएंगे दर्शन, दिन में ही हो जाएगी संध्या आरती

चंद्रग्रहण के चलते चारधाम समेत बदरी-केदार मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिर के कपाट 28 अक्टूबर की शाम 4 बजे बंद कर दिए जाएंगे। 29 अक्तूबर रविवार को सुबह शुद्धिकरण करने के बाद मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुलेंगे और महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित सभी पूजाएं संपन्न होंगी।

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सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। इस वर्ष का आखिरी ग्रहण शरद पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला है। Uttarakhand Char Dham Closed on Chandra Grahan ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को प्रातः 4 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 29 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। चंद्रग्रहण के चलते चारधाम समेत बदरी-केदार मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिर के कपाट 28 अक्टूबर की शाम 4 बजे बंद कर दिए जाएंगे। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मानें तो ग्रहण काल का समय 28 अक्टूबर रात 1 बजकर 4 मिनट पर है, लेकिन 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो रहा है, जिसके चलते बदरीनाथ, केदारनाथ समेत अन्य मंदिरों के कपाट शाम 4 बजे बंद हो जाएंगे।

इस दौरान धामों में किसी तरह की पूजा अर्चना नहीं होगी। साथ ही भक्तों को भी दर्शन नहीं हो पाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सभी अधीनस्थ मंदिर बंद रहेंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि ग्रहण 28 अक्तूबर को रात एक बजकर चार मिनट से लगेगा। इसे नौ घंटे पहले सूतककाल लगने के कारण मंदिरों को बंद किया जाएगा। 29 अक्तूबर रविवार को सुबह शुद्धिकरण करने के बाद मंदिर ब्रह्ममुहुर्त में खुलेंगे और महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित सभी पूजाएं संपन्न होंगी। शनिवार को 11 बजे राजभोग लगेगा व मंदिर की सफाई होगी। दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। उसके बाद दोपहर दो बजे दोबारा मंदिर को खोला जाएगा और सांयकालीन आरती होगी। इसके बाद चार बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी इस दौरान बंद रखे जाएंगे, जो कि अगले दिन रविवार को खोले जाएंगे।