जी हां दोस्तो जब विश्व जीत कर आई बेटी ने अपने उत्तराखंड की जमीन पर कदम रखा, तो माहौल जबरदस्त था। बेटी का स्वागत ऐसा कि हर कोई रह गया हैरान, देहरादून में एंट्री पर कैसे रही ढोल नगाड़ों की धूम। Sneha Rana reached Uttarakhand जी हां दोस्तो महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025, ये वर्डकप भारत के नाम रहा। विजेता भारतीय टीम की खुशी अब अपने-अपने गृह राज्यों तक पहुंच रही है। इसी क्रम में ऑलराउंडर स्नेह राणा उत्तराखंड के देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचीं। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत लोगों के ढोल नगाड़ों की थाप और जबरदस्त उत्साह के साथ हुआ। ये स्वागत केवल एक समारोह नहीं था, बल्कि एक भावनात्मक पल था, जिसमें हर कोई स्नेह की उपलब्धियों और मेहनत की सराहना करता दिखाई दिया। दोस्तो लोगों ने ढोल नगाड़ों की धुन पर स्नेह को अपने कंधों पर उठाकर डांस किया। इस मौके पर उनके परिवारजन, पड़ोसी और दोस्त भी मौजूद रहे, हवा में उत्साह की गूँज और खुशी का माहौल साफ महसूस किया जा सकता था। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई इस मौके का हिस्सा बनकर स्नेह के साथ अपने गर्व को साझा कर रहा था। दोस्तो उत्तराखंड की जनता ने स्नेह राणा को “हमारी बेटी” के रूप में देखा। स्थानीय लोगों ने कहा कि स्नेह राणा न केवल उत्तराखंड की शान हैं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके द्वारा विश्व कप में दिखाए गए शानदार प्रदर्शन ने देशवासियों के दिलों में गर्व की भावना पैदा की। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति प्रेम और लगन रखने वाली स्नेह ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर यह मुकाम हासिल किया।
स्नेह राणा ने इस मौके पर अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि वर्ल्ड कप जीतने के लिए पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की थी। टीम की एकजुटता और सहयोग ही भारतीय टीम की सफलता का मुख्य कारण बना। उन्होंने टीम के सभी खिलाड़ियों का और कोचिंग स्टाफ का धन्यवाद किया। वहीं दोस्तो जब हर तरफ स्नेहा के स्वागत में हर कोई नाच गा रहा था। ढोल की थाप थिरक रहे थे तब जहां एक तरफ स्नेहा का उत्सह बढाया जा रहा था वही इस मौके पर मेघना सिंह-सदस्य भारतीय क्रिकेट टीम की है उनका क्या कहना था वो भी देख लीजिए। दोस्तो विश्व विजेता भारतीय महिला टीम प्रधानमंत्री और देख की महामहीम से मुलाकत कर चुकी हैं। वहीं इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्नेहा से फोन पर बात की थी और बधाई दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही घोषणा की थी कि स्नेह राणा को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और देश को गौरवान्वित करने के लिए 50 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ये राशि केवल सम्मान का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह युवाओं के लिए प्रेरणा भी है कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। इधर दोस्तो स्नेह राणा का ये स्वागत न केवल क्रिकेट की उपलब्धि को मान्यता देने वाला क्षण था, बल्कि महिलाओं और युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी साबित हुआ। एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़ों की थाप, उत्साहित जनता, और उनके परिवार का समर्थन इस बात का प्रतीक था कि कैसे एक खिलाड़ी अपने देश और राज्य के लिए गर्व का कारण बन सकता है।
दोस्तो कुछ प्रशंसक अपने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था “हमारी बेटी, हमारी शान।” बच्चे और युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक यादगार दिन था, जहां उन्होंने स्नेह राणा को देखकर प्रेरणा ली और क्रिकेट के प्रति अपने प्रेम को और मजबूत महसूस किया। दोस्तो बता दू कि उत्तराखंड के देहरादून के पास एक छोटे से गांव सिनौला में पली-बढ़ीं 31 वर्षीय स्नेह राणा , जो एक किसान की बेटी हैं, अक्सर अपने बाल छोटे रखती थीं और खुद को लड़का बताकर गांव के लड़कों की क्रिकेट टीमों में शामिल हो जाती थीं। उनकी बहन रुचि ने बताया,वह बचपन में चचेरे भाइयों और स्थानीय लड़कों के साथ खेलती थी। उसके बाल छोटे थे और वह उनसे तेज दौड़ती थी, इसलिए वे उसे एक लड़के के भेष में टूर्नामेंट में ले जाते थे। स्नेह के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने उन्हें घरेलू क्रिकेट में आगे बढ़ाया। उन्होंने पंजाब महिला टीम और बाद में रेलवे टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पंजाब टीम का नेतृत्व किया और उसे कुछ घरेलू टूर्नामेंटों के फाइनल तक पहुंचाया बाद में, वो रेलवे टीम के लिए खेलने लगीं, जहां वह वर्तमान में कार्यरत हैं, साथ ही दोस्तो अब स्नेहा राणा देश की शान हैं इसलिए उनके विश्व विजेता बनेने पर ये स्वागत है।