रिस्पना और बिंदाल नदी पर बनेगा चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर, जानिए कब और क्या प्रशासन की प्लानिंग

रिस्पना और बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। जिससे राजधानी देहरादून में यातायात की सुविधा को सुधारने की कवायद के रूप में माना जा रहा है। एलिवेटेड रोड के साथ नदियों के दोनों तटों पर बाढ़ सुरक्षा के लिए रिटेनिंग वाल बनेगी। साथ ही दोनों नदियों का पर्यावरण के अनुकूल सौन्दर्यीकरण किया जाएगा।

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देहरादून शहर में यातायात दबाव को कम करने और राजधानी की बुनियादी संरचना को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकल्प के तहत रिस्पना और बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। Four lane elevated corridor on Rispana and Bindal rivers एलिवेटेड सड़क निर्माण को लेकर मंगलवार को राजपुर रोड़ स्थित वन मुख्यालय के मंथन सभागार में महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर सड़क का प्रस्तुतीकरण दिया और जन प्रतिनिधियों के बहुमूल्य सुझाव भी लिए। कैबिनेट मंत्री एवं विधायकों ने देहरादून शहर में यातायात सुविधा को बेहतर बनाने और पर्यावरण के अनुकूल रिस्पना और बिंदाल नदी का सौंदर्यीकरण के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण को जरूरी बताते हुए विस्तृत चर्चा की और इसमें आने वाली समस्याओं को दूर करने हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

जन प्रतिनिधियों ने कहा कि देहरादून में मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित ड्रेनेज प्लान, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्लान, विस्थापन और बस्तियों को जाने वाली सर्विस लेन का भी इस प्रोजेक्ट में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। एलिवेटेड प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन हेतु विशेष प्रयोजन इकाई (एसपीवी) गठित करते हुए इसमें एमडीडीए, नगर निगम, लोक निर्माण व रेवेन्यू विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित स्थानीय पार्षद, नगर विकास मंत्री और स्थानीय विधायकों को भी सम्मिलित किया जाए। ताकि परियोजना के निर्माण को प्राथमिकता, समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी स्टडी, समरेखण और ड्राफ्ट डीपीआर विभाग के माध्यम से तैयार करा ली गई है। आईआईटी रूड़की से हॉडड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी की जा चुकी है। रिस्पना और बिंदाल नदी के अंदर स्थित विद्युत लाइन, हाई टेंशन लाइन, सीवर लाइन और अन्य यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए विभागों का संयुक्त निरीक्षण हो चुका है तथा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।