CM Dhami ने चलाया ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ अभियान, जंगल से सूखी पत्तियां इकट्ठी कर बेच रहे ग्रामीण

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से पिरूल को इकट्ठा करने की अपील की थी। जिसके बाद अब पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पिरूल एकत्र करने लगे हैं।

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उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही आग पूरी तरह से काबू में नहीं आ रही है। यहां जंगलों को बचाने के लिए राज्य सरकार भरसक प्रयास कर रही है। हेलीकॉप्टर के साथ ही आर्मी की भी मदद ली जा रही है। सीएम ने आग पर काबू पाने के लिए आमजन के साथ मिलकर एक अभियान भी चलाया है। सीएम के इस अभियान से वनाग्नि की घटनाएं काफी कम हो गई हैं साथ ही वन क्षेत्र के पास रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से पिरूल को इकट्ठा करने की अपील की थी। जिसके बाद अब पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पिरूल एकत्र करने लगे हैं।

सीएम धामी के निर्देश के बाद इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक कर ग्रामीणों से परुल खरीदने की घोषणा की थी। इसके बाद पिरूल लाओ, पैसे पाओ अभियान चलाया गया। अब ग्रामीण बड़ी संख्या में जंगलों से पिरूल इकठ्ठा कर रहे हैं और सरकार को 50 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं। दरअसल चीड़ की पत्तियां, जिन्हें पिरूल कहा जाता है, गर्मी होते ही वह हवा के साथ पेड़ों से झड़ने लगती हैं। इनमें आग बहुत तेजी से फैलती है। गर्मी के सीजन में चीड़ के जंगलों में लीसा निकालने का सीजन शुरू हो जाता है। लीसा इतना ज्वलनशील होता है कि उसमें लगी आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।