मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम के पावन जल में अपनी पूज्य माता जी को स्नान कराते हुए एक अत्यंत भावुक और अविस्मरणीय क्षण का अनुभव किया। CM Dhami Prayagraj Ganga Bath इस दिव्य अवसर को उन्होंने अपने जीवन के ‘सबसे अमूल्य और आत्मीय क्षणों’ में से एक बताया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “माँ केवल जन्मदात्री नहीं, बल्कि सजीव तीर्थ हैं। उनके चरणों की सेवा और स्नेह का स्पर्श जीवन को पावन बना देता है। त्रिवेणी के इस पुण्य संगम में माँ को स्नान कराना मेरे लिए किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं।” उन्होंने कहा कि यह पल उनकी स्मृतियों में सदा के लिए अंकित रहेगा।
वेदों, शास्त्रों और पुराणों का उल्लेख करते हुए धामी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि माँ का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता। उनका प्रेम और ममता निरंतर प्रवाहित गंगा की तरह हैं—अनंत, निर्मल और पवित्र। उनके आशीर्वाद से जीवन में सब कुछ संभव हो जाता है।उन्होंने आगे कहा कि इस पुण्य अवसर पर उन्हें ऐसा लगा जैसे माँ त्रिवेणी के संगम में दिव्यता का साकार रूप बनकर उनके जीवन को धन्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्षण उनके लिए सनातन संस्कृति और मातृभक्ति के एक अभूतपूर्व अध्याय की तरह है, जिसे वह अपने हृदय में सदैव संजोए रखेंगे। यह भावुक क्षण उनके लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि माँ के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा और प्रेम को एक नई ऊंचाई देने वाला पवित्र क्षण था।