उत्तराखंड में नशा मुक्ति केंद्रों की नहीं चलेगी मनमानी, धामी सरकार ने दिए ये निर्देश

अब प्रदेशभर में संचालित हो रहे तमाम नशा मुक्ति केंद्रों को मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। नशा मुक्ति केंद्रों को 14 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।

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पिछले तीन सालों में नशा मुक्ति केंद्रों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं। जिसमें देखा गया है कि बीते लंबे समय से प्रदेशभर में संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों ने अब तक ना रजिस्ट्रेशन करवाया है और ना ही मानकों पर खरे उतरे हैं। De addiction Center Uttarakhand ऐसे में अब प्रदेशभर में संचालित हो रहे तमाम नशा मुक्ति केंद्रों को मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। इन नशा मुक्ति केंद्रो का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा पिछले कुछ समय से इन नशा मुक्ती केंद्रों की कई शिकायते सामने आ रही थी जिसको लेकर सरकार ने अब अब इन नशा मुक्ति केंद्रों को लेकर कुछ फैसले लिए है। अब प्रदेशभर में संचालित हो रहे तमाम नशा मुक्ति केंद्रों को मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।

जानकारी देते हुए मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के नोडल अधिकारी मयंक बडोला ने कहा कि प्रदेशभर में संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों को 14 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे प्रदेशभर में नशा मुक्ति केंद्रों पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। इनको बंद भी किया जा सकता है इसके लिए कई नशा मुक्ति केंद्र को नोटिस भी भेजे जाएंगे। बता दें कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की दर्दनाक मौत हो चुकी है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि नशा मुक्ति केंद्र यातना गृह से कम नहीं है। इनमे से ज्यादातर के पास स्टाफ की कमी है। एक कमरे में कितने लोग रखे जा सकते हैं, इसके बारे में भी कोई नियम नहीं है। लेकिन अब नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग कर रहा है और नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को स्वास्थ्य विभाग में ही अब रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। वहीं, भारी अनियमितताओं को देखते हुए नशा मुक्ति केंद्रों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।