सिलक्यारा टनल में डी वाटरिंग का कार्य शुरू, मलबा हटाने में खर्च होंगे 20 करोड़

सिलक्यारा टनल में मलबे को हटाने में 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं स्विटजरलैंड की कंपनी ने डीपीआर तैयार की है। मलबे को सिल्क्यारा में ही मौजूद डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाएगा।

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उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में डी वाटरिंग का कार्य शुरू हो चुका है। फरवरी माह से डी-वाटरिंग के लिए सुरक्षात्मक कार्य के साथ प्रयास किए जा रहे थे। De-watering started in Silkyara Tunnel एक बार बीच में काम रोक दिया गया था। 20 मार्च को यह दोबारा शुरू किया गया। तीन दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 22 मार्च की शाम को चार इंच के पाइप से पानी की निकासी चालू हो गई है। निर्माणाधीन टनल के मलबे को अब हटाने का काम शुरू होने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक मलबे को हटाने में 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं स्विटजरलैंड की कंपनी ने डीपीआर तैयार की है। मलबे को सिल्क्यारा में ही मौजूद डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मलबा हटाने का काम तीन-चार दिन में शुरू होगा।

दरअसल, 12 नवंबर 2023 को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था। जिसके बाद से सुरंग के सिलक्यारा वाले छोर से निर्माण कार्य ठप है। यहां भूस्खलन के मलबे के कारण निर्माण के साथ डी-वाटरिंग नहीं हो पा रही थी। कड़ी मशक्कत के बाद 22 मार्च शाम से डी-वाटरिंग शुरू हो गई है। 4 इंच की पाइपलाइन से पानी बाहर आना शुरू हो गया है। लंबे संघर्ष के बाद डी-वाटरिंग शुरू होने से कार्यदायी संस्था, निर्माण कंपनी और श्रमिक सभी उत्साहित हैं। हालांकि, अब मलबा हटाने की चुनौती है। मलबा हटाने के लिए कंसलटेंट कंपनी से मदद मांगी गई थी, जिसने 20 करोड़ की डीपीआर तैयार की है। डीपीआर के अनुसार मलबा हटाया जाएगा, जिस पर तीन-चार दिन में काम शुरू कर देंगे।