केदारघाटी में कई गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक, ‘गैर हिन्दुओं व रोहिंग्या की एंट्री मना है’

केदारनाथ से पहले फाटा के पास कुछ गांवों की ग्रामसभाओं में इस तरह के पोस्टर देखे गए हैं, जिन पर लिखा है कि गैर हिन्दू और मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी है। हालांकि बाद में प्रशासन के द्वारा ये पोस्टर हटा दिए गए हैं।

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रूद्रप्रयाग से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कई गावों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक के पोस्टर लगाए गए। Ban on entry of outsiders in villages इन पोस्टरों पर गैर हिन्दुओं और रोहिंग्या मुसलमानों के व्यापार करने पर दंडात्मक कार्यवाही करने की बात भी लिखी गई है। बाबा केदारनाथ से पहले फाटा के पास कुछ गांवों की ग्रामसभाओं में इस तरह के पोस्टर देखे गए हैं, जिन पर लिखा है कि गैर हिन्दू और मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी है। हालांकि बाद में प्रशासन के द्वारा ये पोस्टर हटा दिए गए हैं। केदारघाटी के न्यालसू, रविग्राम, शेरसी जैसे गांवों की ग्रामसभाओं में इस तरह के पोस्टर लगाए गए है। इन पोस्टर के जरिए चेतावनी दी गई है कि गैर हिन्दू, रोहिंग्या मुसलमानों व फेरी वालों का गांव में व्यापार करना, घूमना वर्जित है। अगर गांव में कही भी मिलता है तो दंडात्मक व कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बाहरी लोगों द्वारा शांत माहौल को खराब करने के प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ऐसे चेतावनी के बोर्ड लगाए गए हैं। बता दें कि पहले साइन बोर्ड पर ‘गैर-हिंदू व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ लिखा गया था। लेकिन बाद में उसमें बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लिख दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि केदारघाटी के आसपास कई गांवों में बाहरी लोग पहुंच रहे हैं। ये लोग यहां छोटा-मोटा सामान बेचने का काम करते हैं। इनके पास किसी तरह का पहचान पत्र या कोई दस्तावेज भी नहीं होता जिसकी वजह से अनहोनी का ख़तरा बना रहता है। मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आनन-फानन में इस बोर्ड को हटवा दिया है। वहीं इस पूरे मामले पर रुद्रप्रयाग पुलिस का कहना है कि गाँवों से मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध वाले सभी बोर्ड हटवा दिए गए हैं।