पलायन पर गंभीर धामी सरकार, पलायन आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर हो प्रभावी क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की सातवीं बैठक हुई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7वीं बैठक आयोजित की गई। Uttarakhand Migration Commission इस दौरान मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिए प्रभावी चिंतन की जरूरत पर बल देने की बात कही। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन किए जाने, युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता के लिए ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं के आयोजन तथा जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के आस पास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिए राज्य के परंपरागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में भी प्रयास करने की जरूरत है। प्रदेश की सुंदरता देश दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है। बैठक के दौरान ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने कहा कि आयोग अभी तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप चुकी है। जिनमें राज्य के तमाम जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से संबंधित तमाम सिफारिशें की गई हैं.आयोग ने राज्य में पलायन की स्थिति पर दूसरी सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को सौंप चुकी है। जिसमे आयोग ने स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने के लिए तमाम स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया. जिसमें पौड़ी, चमोली, हल्द्वानी, चंपावत, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, देहरादून और हरिद्वार शामिल है।