उत्तराखंड सरकार ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है। शासन ने बुधवार को इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए। Political turmoil over Rajni Bhandari dismissal पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने इसकी पुष्टि की। सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने जारी आदेश में कहा कि गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में यह भी पाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने निविदा समिति की सिफारिश पर न्यूनतम बोलीदाता के बजाए अधिकतम बोलीदाता की निविदाएं मंजूर की। कुछ कार्यों में एकमात्र निविदाओं को मंजूर किया गया। मामले की जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। उसमें पाया गया है कि 64 में से 30 कार्यों के लिए प्राप्त निविदाओं के तुलनात्मक विवरण से स्पष्ट है कि इन मामलों में प्राप्त निविदाओं को खोलने के लिए गठित समिति ने जिन न्यूनतम निविदाओं के संबंध में अपनी सिफारिश दी।
चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त करने के मामले में अब राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं। रजनी भंडारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी हैं और ऐसे में रजनी भंडारी को पद से हटाए जाने के पीछे राजनीतिक द्वेष भावना को भी माना जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने रजनी भंडारी का बचाव करते हुए कहा, क्योंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के खिलाफ वह विधानसभा चुनाव लड़ते हैं और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को चुनाव में हराया भी है। ऐसे में राजनीतिक द्वेष भावना के तहत रजनी भंडारी पर कार्रवाई की गई है। कांग्रेस ने भी रजनी भंडारी के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया है और ऐसी स्थिति में भाजपा ने सरकार के निर्णय के पक्ष में खड़ा होते हुए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को न्याय संगत माना है।