पति की मौत, माँ को हार्ट अटैक, भाई को लकवा…अब आर्मी अफसर बनेगी उत्तराखंड की ये हिम्मती बेटी

हल्द्वानी की सोनी ने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड का साक्षात्कार क्लियर किया और अब वह सेना में लेफ्टिनेंट पोस्ट पर भर्ती होने जा रही हैं। उनका सिलेक्शन ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में हुआ है।

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आज हम आपको उत्तराखंड की एक ऐसी वीरांगना बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने पति की शहादत के बाद उस गम से गुजरते हुए न केवल अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते सफलता की नई दास्तां लिखी है बल्कि अपने परिजनों के साथ ही समूचे प्रदेश को भी गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। Haldwani Army Officer Soni Bisht जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी निवासी सोनी बिष्ट की, सोनी बिष्ट हिम्मत हार मान चुकी महिलाओं के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं। हाल में हल्द्वानी की सोनी ने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड का साक्षात्कार क्लियर किया और अब वह सेना में लेफ्टिनेंट पोस्ट पर भर्ती होने जा रही हैं। उनका सिलेक्शन ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में हुआ है। सोनी बिष्ट की लेफ्टिनेंट बनने की कहानी इसलिए इतनी खास है क्योंकि छोटी उम्र में तमाम दुख देखने के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। उनके पति नीरज सिंह भंडारी 18 कुमाऊँ रेजीमेंट में तैनात थे। दिसंबर 2022 में उनके पति सिपाही नीरज सिंह भंडारी की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई। सोनी इस दुख से उभरतीं कि इसके बाद उनकी को माँ हार्ट अटैक आ गया। दो झटकों के बाद सोनी के दुख कम नहीं हुए और कुछ समय बाद उनके छोटे भाई को भी लकवा मार गया।

एक के बाद एक होने से सोनी बिष्ट एकदम टूट गई थीं। लेकिन जब वो अपनी डॉक्यूमेंटेशन काम के लिए गईं तो कुछ लोग उन्हें ऐसे मिले जिन्होंने उनकी हिम्मत बढ़ाई और पोस्ट पर अप्लाई करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके पिता सूबेदार कुंदन सिंह ने भी इस संघर्ष में सोनी का बहुत साथ दिया। पिता ने कुछ पूर्व अधिकारियों से बात की और सोनी को तैयारी कराने को कहा। सबसे मिलकर बात करके सोनी की हिम्मत बढी। फिर उनके पति के एक कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें सेना के जवानों की विधवा वाले स्पेशल कोटा से ओटीए चेन्नई में अप्लाई करने को कहा। वहीं रिटायर्ड सेना के अधिकारी मेजर जनरल यश मोर ने उनकी एसएसबी इंटरव्यू की पूरी तैयारी करवाई। वहीं पिता ने अधिकारियों की टीम के साथ मिलकर उनकी ग्रुप टास्क, साइकोलॉजिकल असेसमेंट और फिजिकल ट्रेनिंग करवाई। सोनी कहती हैं कि ऐसी वैकेंसी के लिए तैयारी करना आसान नहीं था जिसमें हर कोई कोटा से अप्लाई करें। उन्होंने बताया- “इस पोस्ट के लिए इंटरव्यू भी आसान नहीं था। लेकिन मेरी किस्मत थी कि मुझे इतने अच्छे लोगों से गाइडेंस मिली और चयन ओटीए के लिए हो गया।” बता दें कि अब जल्द ही सोनी की ट्रेनिंग शुरू होगी और वह लेफ्टिनेंट बनकर उन सभी लोगों का सिर गर्व से ऊँचा करेंगी जिन्होंने उनका यहाँ तक पहुँचने में साथ दिया। सोनी कहती हैं कि उनके घरवालों के साथ उनके ससुराल के लोग भी बहुत सपोर्टिव हैं। सिलेक्शन की खबर सुनकर सब लोग रोने लगे थे।