उत्तराखंड में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो खैर नहीं! पब्लिक-प्राइवेट प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट को मिली मंजूरी

सीएम ने लिखा कि दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख़्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी।

Share

उत्तराखंड की धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी और निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट को मंजूरी दे दी। सोमवार को हुई बैठक में अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दी। Government and Private Property Damage Recovery Act इसके तहत दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। इस मामले सीएम धामी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था भंग करने वालों की अब खैर नहीं! सीएम ने लिखा कि दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख़्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी। प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नज़ीर बनाएंगे जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां भी वर्षों तक याद रखेंगी।

बता दे, आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इस कानून में दंगाईयों व प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई और वसूली का प्रावधान होगा। दंगे या आंदोलन में अगर नुकसान किया गया तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। अध्यादेश लागू होने के लिए राजभवन भेजा जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा जो दंगे होते हैं या प्रदर्शन होते है कोई भी किसी भी तरह का आंदोलन होता है। जिसमें भीड़ उग्र होकर किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचती है उसके विशेष ट्रिब्यूनल बनेगा जो मुआवजे को लेकर फैसला लेंगे कि दंगाई से कितना मुआवजा लेकर पीड़ित को दिया जाए। राज्यपाल की सहमति के बाद ये क़ानून बन जाएगा।