उत्तराखंड: दंगाइयों से वसूला जाएगा संपत्ति के नुकसान का पैसा, राज्यपाल ने एक्ट को दी मंजूरी

उत्तराखंड में अब किसी भी विरोध प्रदर्शन में अगर सरकारी या निजी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया तो ये भारी पड़ सकता है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड लोक तथा निजी संपति क्षति वसूली अध्यादेश-2024 को मंजूरी दे दी है।

Share

उत्तराखंड में किसी विरोध प्रदर्शन या हिंसक प्रदर्शन के दौरान अगर सरकारी या किसी की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उसकी खैर नहीं होगी। Property Damage Recovery Act in Uttarakhand उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड लोक तथा निजी संपति क्षति वसूली अध्यादेश-2024 को मंजूरी दे दी है। जल्द ही नियमावली तैयार कर इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके बाद विरोध प्रदर्शन और दंगे जैसी घटनाओं में सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से ही इसकी भरपाई की जाएगी। जिसके बाद वो दोषी साबित होता है तो उसे 5 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उस पर जुर्माना भी लग सकता है। ऐसे मामलों में दोषी को सजा और जुर्माना दोनों का भी प्रावधान है।

कानून के मुताबिक, सार्वजनिक या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को तब तक जमानत नहीं मिलती है, जब तक वो नुकसान की पूरी तरह यानी 100 फीसदी भरपाई नहीं कर देता है। यह भारत सरकार का कानून है, जो कि सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम 1984 के नाम से लागू है। वहीं, इस कानून को अलग-अलग राज्यों ने अपनाया है और इसमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं। इस कानून में संशोधन करते हुए कई राज्यों ने सार्वजनिक और सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति कड़ी कार्रवाई के प्रावधान किए हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इस एक्ट को बेहद सख्त बनाया गया है तो वहीं अब उत्तराखंड में भी इसकी कवायद शुरू की गई जा रही है, जिस पर बीते दिनों हुई कैबिनेट ने अप्रूवल दिया था। राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है, यह अध्यादेश देश के सबसे सख्त दंगा विरोधी कानूनों में से एक बन जाएगा।