उत्तराखंड में हर साल चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। इस बार भी संख्या 50 लाख से ज्यादा होने की उम्मीद है। चारधाम यात्रा के लिए 13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस बार की चारधाम यात्रा अपने चरम पर होगी। हर साल की तरह यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने हेतु प्रयास हो ही रहे हैं। साथ ही यात्रा को पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल बनाने के लिए भी कोशिश हो रही है। इस बार चारधाम यात्रा में VIP दर्शन की व्यवस्था पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। यह फैसला हाल ही में गढ़वाल कमिश्नर द्वारा लिया गया है, जिसका मकसद यात्रा को सभी के लिए समान और सुगम बनाना है। इस संबंध में सभी राज्यों को सूचित कर दिया गया है कि अगर उनके राज्य से कोई VVIP आते हैं, तो उनका स्वागत तो होगा, लेकिन एक आम श्रद्धालु की तरह।
श्रद्धालु राज्य के कई जिलों से होकर धामों तक पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं के चार धाम पहुंचने के बीच चिंता प्लास्टिक कचरे को लेकर भी रहती है। क्योंकि विभिन्न जगहों से आने वाले श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक कचरा लेकर भी आते हैं और यह कचरा उत्तराखंड में ही रह जाता है। इन्हीं स्थितियों को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यात्रा में प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण के प्रयास कर रहा है। जिसके लिए बोर्ड ने तीन रणनीतियों पर काम किया है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने प्लास्टिक कचरे को राज्य से खत्म करने और चारधाम को प्लास्टिक फ्री यात्रा बनाने के लिए अपनी रणनीति का पहला हिस्सा जागरूकता के रूप में रखा है। दूसरी रणनीति श्रद्धालुओं और यात्रा में आने वाले दूसरे स्थानीय लोगों को प्लास्टिक का विकल्प देने की है। इस दौरान बोर्ड की तरफ से जहां एक तरफ प्लास्टिक की बोतलों के लिए digital deposit refund system लगाया जा रहा है। श्रद्धालुओं पर ₹500 से लेकर हजारों रुपए तक की जुर्माने के रूप में कार्रवाई हो सकती है।