अब सार्वजनिक हो सकेगी उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जानकारी, RTI दायरे में आई अरबों की संपति

प्रदेश में अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों की स्थिति क्या है, उनके आय-व्यय और कार्यों की प्रक्रिया किस तरह संचालित की जा रही है, अब इसकी जानकारी सार्वजनिक हो पाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जानकारी आरटीआई के दायरे में आ गई है।

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प्रदेश में अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों की स्थिति क्या है, Uttarakhand Waqf Board properties under RTI उनके आय-व्यय और कार्यों की प्रक्रिया किस तरह संचालित की जा रही है, इन संपत्तियों का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है? इसकी जानकारी कोई भी बोर्ड से नहीं ले सकता है। यही वजह है कि कई बार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के खुर्दबुर्द के भी मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की अरबों रुपए की करीब 2200 संपत्तियां, जो वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है, अब वह सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आ जाएगी। सूचना आयोग की सख्ती के बाद वक्फ संपत्तियों को आरटीआइ एक्ट में दायरे में लाने के आदेश उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कर दिए हैं।

दरअसल, वक्फ अधिनयम-1995 (संशोधित 2013) के तहत इन पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का नियंत्रण तो है, लेकिन यहां पारदर्शी व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि जनता इसकी कोई सूचना ना मांग ले, इसके लिए लोक सूचना अधिकारियों की तैनाती भी नहीं की गई है। हालांकि, मामला जब उत्तराखंड सूचना आयोग पहुंचा तो राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने ना सिर्फ इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई, बल्कि इस बात को भी कहा कि वक्फ बोर्ड, सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता। ऐसे में सूचना आयोग के निर्देश के बाद ना सिर्फ हरिद्वार जिले के पिरान कलियर दरगाह में लोक सूचना अधिकारी को नियुक्त किया गया। बल्कि अब वक्फ बोर्ड की सभी वक्फ प्रबंधन को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए भी आदेश दिए गए हैं।