Joshimath: विशेषज्ञों के दल ने अध्‍ययन कर सौंपी रिपोर्ट, जानिए वैज्ञानिकों ने किसे बताया जिम्मेदार

Share

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने की घटना को लेकर श्री देव सुमन उत्तराखंड यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। यूनिवर्सिटी के भूगोल और भूगर्भ विज्ञानियों के दल ने जोशीमठ आपदा के कारण व भविष्य की योजना को लेकर अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है। रिपोर्ट में जोशीमठ की प्राकृतिक संरचना के साथ हुए छेड़छाड़ को बड़ा कारण माना गया है। टीम के भूगर्भ विभाग के एस के नौटियाल ने बताया कि जोशीमठ में आई आपदा के कई कारक हैं। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में सतह का ढलान व भूगर्भीय चट्टानों का ढलान एक ही दिशा में है। यह क्षेत्र एक लंबे समय तक ग्लेशियर रहा है, जिससे यहां सतह पर ग्लेशियर से टूट कर आए बड़े भरी बोल्डर जमा हैं।

भूगर्भ विभाग के एस के नौटियाल ने बताया कि जोशीमठ के नीचे भूगर्भीय जल का बड़ा भंडार है। यहां एनटीपीसी टनल के निर्माण के चलते इस भूगर्भीय जल भंडार में रिसाव पैदा हो गया था, जो इस आपदा का बड़ा कारण बना। इसके अतिरिक्त जोशीमठ जिस भूगर्भीय संरचना के ऊपर बसा है वहां अत्याधिक तथा असीमित निर्माण भी इसका बड़ा कारक है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र में 28 फीट से ऊंचे निर्माण नहीं होने चाहिए लेकिन यहां 8 मंजिल तक के निर्माण बने हुए हैं, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम सुझाव भी दिए हैं। विश्वविद्यालय अब इस रिपोर्ट को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के अलावा आपदा प्रबंधन को देगा।