पंचतत्व में विलीन हुए उत्तराखंड के दो लाल, बेटे को तिरंगे में लिपटा देख बिलख पड़ी मां, 5 साल की बेटी ने दी श्रद्धांजलि

गौतम कुमार पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले थे। जबकि, बीरेंद्र सिंह चमोली जिले के नारायणबगड़ के बमियाला गांव के रहने वाले थे। आज दोनों जवानों के शव उनके मूल निवासो पर पहुंचे तो लोगों की आंखे नम हो उठी।

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21 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के पुंछ के राजौरी सेक्टर में सेना के वाहन पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 5 जवान शहीद हो गए और 2 घायल हो गए। Martyred Jawan Birendra Singh, Martyred Rifleman Gautam Kumar शहीद होने वाले जवानों में उत्तराखंड के दो जवान गौतम कुमार और बीरेंद्र सिंह भी शामिल थे। गौतम कुमार पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले थे। जबकि, बीरेंद्र सिंह चमोली जिले के नारायणबगड़ के बमियाला गांव के रहने वाले थे। आज दोनों जवानों के शव उनके मूल निवासो पर पहुंचे तो लोगों की आंखे नम हो उठी। शहीद गौतम कुमार का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही उनकी मां और बहनें बदहवास हो गई। जहां श्रद्धांजलि देने के बाद जवान के पार्थिव शरीर को मुक्ति धाम लाया गया। जहां जवान गौतम को सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी। जिसके बाद जवान गौतम कुमार का अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद गौतम कुमार के भाई राहुल ने बताया कि उकना भाई कुछ दिन पहले ही छुट्टी से वापस ड्यूटी गया था। जिसकी आगामी मार्च महीने में शादी होनी थी। ऐसे में घर पर शादी समारोह की तैयारियां की जा रही थी। इसी बीच गुरुवार को सेना मुख्यालय से फोन पर सूचना दी गई कि गौतम ने आतंकी मुठभेड़ में शहादत दे दी है। वही, शहीद जवान बीरेंद्र सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। गमगीन माहौल के बीच लोगों की उस वक्त आंखें छलक गई, जब 5 साल की बेटी अपने पिता को श्रद्धांजलि देने पहुंची। इस दौरान पूरा नारायणबगड़ ‘चमोली के लाल शहीद वीरेंद्र सिंह अमर रहे’ के नारों से गूंज उठा। वहीं, जवान बीरेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों के साथ माता-पिता को छोड़ गए हैं।