नंदा गौरी योजना के लिए पात्र बालिकाओं को आ रही दिक्कतों को लेकर मंत्री रेखा आर्य से मिला बेरोजगार संघ

Share

देहरादून: नंदा गौरा योजना में आवेदन करने में आ रही समस्याओं को लेकर गुरुवार को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने विभागीय मंत्री रेखा आर्य से मुलाकात कर उन्हें विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। संघ ने बताया कि वर्तमान समय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की 12वीं उत्तीर्ण बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर के सशक्तिकरण प्रदान करने के उद्देश्य से नंदा गौरा योजना संचालित की जा रही है। इसमें कुछ ऐसे नियम-शर्ते रखी गई हैं जिससे उत्तराखंड की हजारों गरीब बालिकाएं जो कि पात्र होने के बावजूद योजना का लाभ लेने से वंचित हो रही है।

1- नंदा गौरा योजना के प्रारूप में पानी तथा बिजली के विगत 3 माह के बिलों की प्रति संलग्न करने को कहा गया है अब समस्या यह है कि हमारे उत्तराखंड में कई जगहों पर संयुक्त परिवार प्रथा है जिस कारण बिजली पानी के बिल केवल और केवल घर के मुखिया के नाम पर ही आते हैं। इसलिए जरूरी नहीं है कि प्रत्येक लाभार्थी के माता पिता के नाम बिजली पानी का बिल आता हो।

2- नंदा गौरा योजना के प्रारूप में ग्रामीण क्षेत्र की दशा में मनरेगा जॉब कार्ड को भी आवश्यक दस्तावेज के रूप में मांगा गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद कई जगह जागरूकता का अभाव होने से कई गरीब परिवारों के पास मनरेगा जॉब कार्ड नहीं है। उस स्थिति में इन गरीब परिवारों की बालिकाओं को भी नंदा गौरा योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए कोई उचित विकल्प निकालने की जरूरत है।

3- सामाजिक, आर्थिक जाति जनगणना में परिवार की स्थिति के विवरण के लिए प्रमाण पत्र मांगा गया है। इसके लिए कौन संबंधित अधिकारी है न तो उसकी जानकारी है। और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतर दिनों में अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहते हैं, इसलिए प्रमाण पत्र को बनाने के लिए किस प्रकार आसानी हो सके इसके लिए भी कोई उचित विकल्प निकालने की बात रखी।

बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार का कहना है कि इस समस्या का निराकरण करने के लिए सभी पात्र बालिकाएं और अभिभावक अधिक से अधिक संख्या में सीएम हेल्प लाइन नम्बर 1905 पर अपनी इस समस्या की शिकायत दर्ज करें जिससे की इन समस्याओं का निस्तारण हो सके।