त्यौहारी सीजन को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने उठाया कदम, वनकर्मियों की छुट्टियां रद्द

दीपावली के त्यौहार नजदीक है, ऐसे में वन्य जीवों की तस्करी बढ़ाने की संभावना है। इसलिए वन विभाग ने वनकर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर कर दी है।

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दिवाली के जश्न के दौरान शिकारियों और कई कुख्यात गिरोहों के अतिसंवेदनशील दक्षिणी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र से घुसने की आशंका ज्यादा रहती है। Forest Worker Leave Cancelled कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े तराई पूर्वी वन प्रभाग अंतर्गत वन और वन्यजीवों की शिकार और तस्करी रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। जिसके तहत फील्ड कर्मचारियों की छुट्टी को भी रद्द कर दिया है। इसके अलावा वन विभाग की टीम रात्रि गस्त को भी बढ़ा दिया है। दीपावली पर्व पर कोई उल्लू समेत जंगली जानवरों का शिकार न कर ले, इसके लिए वन विभाग की ओर से अलर्ट घोषित कर दिया गया है। कर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर 24 घंटे गश्त की जा रही है। जंगल के सीमावर्ती वाले क्षेत्रों में अधिक चौकसी बरती जा रही है।

हरिद्वार का शहर और देहात का इलाका राजाजी टाइगर रिजर्व और हरिद्वार वन प्रभाग से लगा हुआ है। जिससे जंगल जानवरों का आबादी क्षेत्रों में आना-जाना आता होता रहता है। इससे हरिद्वार में मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका बनी रहती है। हालांकि, इसमें ग्रामीणों के साथ ही जंगली जानवरों को भी खतरा बना रहता है। वनकर्मियों की छुट्टियां अग्रिम आदेशों तक निरस्त कर दी गई हैं, उन्हें विशेष परिस्थितियों में भी अवकाश दिए जाएगा। इतना तक उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए तैनात रहकर ड्यूटी करनी होगी, ताकि दीपावली पर उल्लू आदि जंगली जानवरों का कोई भी शिकार न कर सकें।