उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को आज 13 दिन है और रेस्क्यू अपने आखिरी दौर में है। Uttarkashi Tunnel Rescue Update रेस्क्यू टीम राहत बचाव कार्य में तेजी से जुटी है। अर्थ ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अभी भी उत्तरकाशी में बने हुए हैं और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सिलक्यारा, उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जानकारी ली। सीएम ने कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे 41 लोगों की बहुमूल्य जिंदगी को बचाने की जिम्मेदारी हम सब पर है। अभियान में जुटे लोगों को पूरी दक्षता, क्षमता, तत्परता और सावधानी के साथ मिशन को कामयाब बनाने में दिन रात जुटे रहना होगा। इस काम के लिए संसाधनों की कोई भी कमी नहीं होने दी जाएगी।
सिलक्यारा टनल में चल रही ऑपरेशन जिंदगी की राह में आ रही रुकावटों को दूर करने में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की टीम जुट गई है। बीआरओ ने बेंगलुरु से दो एडवांस ड्रोन मंगाए हैं। इन ड्रोन ने लास्ट स्टेज में सुरंग के भीतर मलबों में राह दिखाई है। ये ड्रोन सेंसर रेडार हैं। पहली बार देश में इसका प्रयोग किसी आपदा प्रबंधन के मामलों में हो रहा है। ड्रोन सेंसर रेडार के साथ आए एक्सपर्ट एक्सपर्ट सिरियाक जोसेफ ने बताया कि पहली बार देश में इस प्रकार के ड्रोन का प्रयोग रेस्क्यू मिशन या फिर डिजास्टर मैनेजमेंट के मामलों में किया जा रहा है। ड्रोन टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़े लोगों को जरूरी सूचनाएं उपलब्ध करा रही है। बेंगलुरु की स्क्वाड्रन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम ने सिलक्यारा सुरंग पहुंचकर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के जरिए भीतर के हालात बताए। इससे अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिली है।