उत्तराखंड: होली पर घर जाने के लिए नहीं करना पड़ेगा धक्का-मुक्की का सामना, परिवहन विभाग और रेलवे की ये है खास तैयारी

होली के त्योहार को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने बसों को बढ़ाने की तैयारी भी कर ली है। दिल्ली और देहरादूृन रूट पर सवारियों को देखते हुए 21 मार्च से बसें बढ़ाने की योजना बनाई गई है।

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होली को लेकर अभी से लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बीच सभी घर पहुंचने और आने जाने की व्यवस्था करने में जुट गए हैं। Holi Special Trains होली सोमवार 25 मार्च को है। कई दफ्तरों में शनिवार को छुट्टी होने के चलते शुक्रवार से ही बसें और ट्रेन फुल होने लगी है। इसको देखते हुए परिवहन विभाग और रेलवे ने अपनी तैयारियां तेज कर ली हैं। होली के त्योहार को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने बसों को बढ़ाने की तैयारी भी कर ली है। दिल्ली और देहरादूृन रूट पर सवारियों को देखते हुए 21 मार्च से बसें बढ़ाने की योजना बनाई गई है। परिवहन विभाग की करीब 30 बसें अतिरिक्त भेजने की तैयारी है। पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से होली पर होली पर लालकुआं-राजकोट विशेष रेलगाड़ी का संचालन किया जाएगा। लालकुआं-राजकोट-लालकुआं होली विशेष गाड़ी का संचालन 24 मार्च और 31 मार्च को लालकुआं और 25 मार्च, एक अप्रैल को राजकोट से दो फेरों के लिए किया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से होली पर लालकुआं-राजकोट विशेष रेलगाड़ी का संचालन किया जाएगा।

05045 लालकुआं-राजकोट होली विशेष गाड़ी लालकुआं से 13:10 बजे प्रस्थान कर किच्छा से 13:38 बजे, बरेली जं. से 15:09 बजे, दूसरे दिन जयपुर से 00:45 बजे, वांकानेर जं. से 17:32 बजे छूटकर 18:35 बजे राजकोट पहुंचेगी। वापसी यात्रा में 05046 राजकोट-लालकुआं होली विशेष गाड़ी राजकोट से 22:30 बजे प्रस्थान कर वांकानेर से 23:10 बजे, दूसरे दिन सुरेंद्रनगर 00:20 बजे, महेसाना से 02:32 बजे, तीसरे दिन सोरों शुकर क्षेत्र से 00:10 बजे और किच्छा से 03:27 बजे छूटकर लालकुआं 04:05 बजे पहुंचेगी। होली के दौरान ड्यूटी करने वाले रोडवेज कर्मचारियों के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम ने प्रोत्साहन योजना जारी कर दी है। यह योजना 22 मार्च से एक अप्रैल तक तक प्रभावी रहेगी। ड्राइवर-कंडक्टरों को इस अवधि में 10 दिन तक ड्यूटी करने पर इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत केवल मैदानी मार्गों पर न्यूनतम 2420 किमी बस चलाने पर, मैदानी, पर्वतीय या मिश्रित मार्गों पर कुल 2000 किमी और केवल पर्वतीय मार्गों पर 1800 किमी बस संचालन करने पर 1250 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।