उत्तराखंड की बेटी ने एक बार फिर पूरे देश का मान बढ़ाया है। महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाली वो विश्व विजेता खिलाड़ी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर बधाई दी है और साथ ही प्रत्साहन राशी दे कर होंसलाफजाई भी की गई, क्या आप जानते हैं उस खिलाड़ी के बारे में, उत्तराखंड की उस बेटी के बारे में, नहीं तो मै बताने के लिए आया हूं। Sneh Rana Will Receive Rs 50 Lakh जी हां दोस्तो आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर चैंपियन का ताज अपने नाम किया है, जिसके बाद से उन्हे लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इसी क्रम में महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली उत्तराखंड की बेटी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्नेह राणा भी शामिल थी। अब स्नेह राणा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर बातचीत कर उन्हें बधाई दी और साथ ही 50 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्नेह ने अपनी मेहनत संकल्प और प्रतिभा के जरिए उत्तराखंड का नाम विश्व पटेल पर रोशन किया है, इतना ही नहीं बल्कि स्नेह की सफलता युवाओं खासकर बेटियों के लिए बेहद प्रेरणादायक है।
दोस्तो भारतीय महिला क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका को हराकर विश्व कप विजेता बनी, जिसमें राजधानी देहरादून की बेटी स्नेह राणा का भी विशेष योगदान रहा। दरअसल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्नेह राणा से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर बातचीत कर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की इतना ही नहीं बल्कि देश प्रदेश का मान बढ़ाने के लिए उन्हें 50 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की है। जिस पर स्नेहा ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह देश और उत्तराखंड का नाम आगे भी रोशन करती रहेंगी, यहां आपको बता दूं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्नेह ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर विश्व पटल पर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं और प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है। दोस्तो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने में स्नेह राणा का सराहनीय योगदान रहा ,जिन्होंने विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक गेंदबाजी और बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं बल्कि राजधानी देहरादून से सटे सिनोल गांव की रहने वाली स्नेह ने विश्व कप के पहले मैच में श्रीलंका के खिलाफ दो छक्के और दो चौकों की मदद से 28 रन बनाए जबकि दो विकेट भी चटकाए। वहीं आपको ये भी बता दूं कि दोस्तो स्नेह राणा के क्रिकेट करियर की अगर बात करें तो उन्होंने 9 साल की उम्र में देहरादून के एक क्लब मे एडमिशन लेकर क्रिकेट की प्रैक्टिस शुरू की थी। वहीं वर्ष 2014 में स्नेहा ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे और फिर T20 मैचो से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी।
इसके बाद वर्ष 2016 मे स्नेह के घुटने मे चोट लगने की वजह से वह खेल नहीं पाई थी। जिसके चलते स्नेह ने 5 साल बाद साल 2021 में फिर से वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था..आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 में भारत की महिला टीम ने इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका को हराकर भारतीय टीम ने पहली बार चैंपियन का ताज अपने नाम किया। यह जीत सिर्फ टीम इंडिया के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण रही। इस विश्व कप अभियान में उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा का योगदान विशेष रूप से याद किया जा रहा है। देहरादून की इस होनहार खिलाड़ी ने गेंद और बल्ले, दोनों से शानदार प्रदर्शन कर भारत को जीत की राह दिखाई। दोस्तो देहरादून से सटे सिनोल गांव की रहने वाली स्नेह राणा ने बचपन में ही क्रिकेट को अपना सपना बना लिया था। उन्होंने सिर्फ 9 साल की उम्र में देहरादून के एक स्थानीय क्लब में एडमिशन लेकर अभ्यास शुरू किया। उनकी मेहनत, अनुशासन और लगन ने धीरे-धीरे उन्हें राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया। साल 2014 में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने भारत के लिए वनडे और टी-20 मैचों में डेब्यू किया। इसके बाद 2016 में घुटने में चोट के कारण वो लगभग पांच साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहीं, लेकिन 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच से स्नेह ने शानदार वापसी की और साबित किया कि असली खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किलों में भी हिम्मत नहीं हारता।
वहीं दोस्तो आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में स्नेह राणा का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में शानदार रहा। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में गेंदबाजी से अहम विकेट झटके, जबकि बल्लेबाजी में उपयोगी पारी खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाय। उनके प्रदर्शन ने न केवल टीम को मजबूती दी बल्कि उत्तराखंड की इस बेटी को पूरे भारत में प्रेरणा का प्रतीक बना दिया। स्नेह राणा की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। जहां कभी ये प्रदेश धार्मिक पर्यटन के लिए जाना जाता था, वहीं अब यह “स्पोर्ट्स पावरहाउस” के रूप में उभर रहा है। स्नेह की तरह ही राज्य की कई अन्य बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रही हैं। राज्य सरकार की नई खेल नीति, पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण और नकद पुरस्कार जैसी योजनाएं युवाओं में नई ऊर्जा भर रही हैं। स्नेह राणा की यह कहानी केवल एक खिलाड़ी की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस नई सोच की मिसाल है जिसमें बेटियां अब सीमाओं को नहीं, बल्कि सपनों को देखती हैं। उन्होंने साबित किया है कि अगर इरादा मजबूत हो तो देवभूमि की मिट्टी से भी विश्व विजेता जन्म लेते हैं। आज जब उत्तराखंड स्नेह राणा के विश्व विजेता बनने पर जश्न मना रहा है, तब यह कहना गलत नहीं होगा कि —यह जीत सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि हर उस बेटी की है जो अपने सपनों को पंख देने की हिम्मत रखती है।