तुंगनाथ मंदिर के कपाट हुए बंद, अब मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में होगी शीतकालीन पूजा

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पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस वर्ष डेढ़ लाख तीर्थयात्रियों ने तुंगनाथ के दर्शन किए हैं। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। Tungnath Temple Closed विभिन्न पड़ावों से गुजर कर चल विग्रह डोली 8 नवंबर को मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। जिसके बाद शीतकाल में भगवान तुंगनाथ के दर्शन मक्कूमठ में होंगे। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में साढ़े दस बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। भोग यज्ञ हवन पूजा के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया और 11.30 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। बताया कि इस यात्रा वर्ष डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री तुंगनाथ जी के दर्शन का पुण्य अर्जित किया। कहा कि श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली के श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचने के बाद श्री तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी। मंदिर समिति शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेगी। बता दें कि 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए। जबकि 23 अक्टूबर को केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हुए थे। वहीं 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।