चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खूब उत्साह देखा जा रहा है लेकिन श्रद्धालुओं की छोटी सी लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ रही है। 42 devotees died in Chardham तीर्थ यात्रियों को डॉक्टर लगातार स्वास्थ्य परीक्षण की सलाह दे रहे हैं। इसके बाद श्रद्धालु डॉक्टर का परामर्श लिए बगैर चारधाम यात्रा के लिए जा रहे हैं और हादसे का शिकार हो रहे हैं। 13 दिनों के अंतराल में 19 तीर्थयात्रियों की जान चली जाने के साथ, केदारनाथ धाम सबसे अधिक दुर्घटनाओं की संख्या का क्षेत्र बन गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से तीर्थयात्रियों की मौतों का डेटा जारी किया गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, कपाट खुलने के बाद से अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 तीर्थयात्रियों के मौत हो चुकी है। इसके बाद यमुनोत्री में 12, बद्रीनाथ में 9 और गंगोत्री धाम में दो श्रद्धालुओं की जान तीर्थयात्रा के दौरान जा चुकी है। तीर्थयात्रियों की मौत के बढ़ते आंकड़ों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यात्रा के दौरान मौत के मामलों में अधिकांश बुजुर्ग और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि चार धाम यात्रा के पहले तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। विभाग के अनुसार, अब तक करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बीमारी छुपा कर यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं।