देहरादून डीएम बने निर्बल, असहायों, दिव्यांगों की उम्मीद, दिव्यांग कम्प्यूटर स्पेशलिस्ट गुरिंदर को मिली कम्प्यूटर प्रोग्रामर नौकरी

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जिलाधिकारी सविन बंसल बच्चों, बुजुर्ग, महिला, निर्बल, असहाय, एवं दिव्यांग था आमजन के हितों के प्रति संवेदनशील हैं, इसका परिणाम है कि आए दिन उनके कार्यालय में फरियादियों की कतार रहती है। Disabled computer specialist Gurinder got a job नौकरी के लिए भटक रही पढी लिखी बीसीए डिग्रीधारी दिव्यांग महिला गरिंदर ने डीएम से अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि वे कई संस्थानों में नौकरी के लिए साक्षात्कार दे चुकी हैं किन्तु सबकुछ ठीक होने के उपरान्त भी उनकी शारीरिक कमजोरी/दिव्यंगता को देखते हुए उसे नौकरी नही मिल पा रही हैं जबकि कम्प्यूटर ज्ञान सहित शिक्षा के अन्य क्षेत्र में पारंगत है जिस पर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी, मिहिला कल्याण को निर्देशित किया था कि आवेदिका को योग्यता के अनुसार किसी भी तरह, किसी भी योजना के तहत् एक सप्ताह अन्तर्गत अवसर प्रदत्त कर योजित किया जाए। अब गुरिंदर को एक संस्था आसरा में डेटा प्रोग्रामर की नौकरी मिल गई है।

अनाथ बहन-भाई अदिति व आदित्य जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है तथा अपने छोटे भाई के साथ रहती हैं, उनके पिता अदिति के नाम से एचडीएफसी फाइनेंस से ऋण लिया था, पिता की मृत्यु उपरान्त वे शेष किस्त जमा करने में असमर्थ थी, फाईनेंस रिकवरी वाले आए दिन उनको किस्त जमा करने के लिए परेशान कर रहे थे, जन दिवस कार्यक्रम में प्रकरण संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी ने उनका ऋण को रायफल फंड से भुगतान के निर्देश दिए, जिसके क्रम में आज अदिति को 50 हजार धनराशि चैक रायफल फंड से दिया गया है। वहीं एकल विधवा महिला समीमा जिनके तीन बच्चे हैं वे सिलाई, कढाई आदि कार्य कर जीवन यापन कर ही ने डीएम से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई जिस पर डीएम ने प्रभारी अधिकारी कलेक्टेªट आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।