सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर धामी सरकार कसेगी शिकंजा, आ रहा ये कानून

धामी सरकार विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ क्षति वसूली विधेयक लाएगी। इस कानून के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचने वालों से नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी।

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हल्द्वानी हिंसा के बाद धामी सरकार सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुकसान मामले पर गंभीर हो गई है। compensation for property damage इसी कड़ी में धामी सरकार विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ क्षति वसूली विधेयक लाएगी। इस कानून के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचने वालों से नुकसान की क्षतिपूर्ति ली जाएगी। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीएए-एनआरसी दंगों के दौरान आरोपियों के पोस्टर तक चिपका दिए थे। इसके बाद सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई का नोटिस भी दंगाइयों को भेजा गया। इसी प्रकार के कानून हरियाणा में भी लागू हैं। अब उत्तराखंड सरकार कानून लाने जा रही है।

इसके अनुसार नुकसान की वसूली के लिए संबंधित विभाग और निजी व्यक्ति को तीन माह के भीतर दावा करना होगा। यह दावा सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में बनने वाले विभिन्न दावा अधिकरणों में किया जा सकेगा। आरोप तय होने पर संबंधित व्यक्ति को एक माह के भीतर क्षतिपूर्ति जमा करनी होगी। ऐसा न करने पर दंड के प्रविधान भी किए जा रहे हैं। इसमें संपत्ति के साथ ही निजी क्षति को भी शामिल किया जा रहा है। इसमें मृत्यु के साथ ही नेत्र दृष्टि, श्रवण शक्ति, अंग भंग होने, सिर या चेहरे का विद्रूपण आदि को निशक्तता के दायरे में रखते हुए क्षतिपूर्ति का प्रविधान किया जाएगा। इस प्रस्तावित विधेयक में यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि नुकसान की भरपाई केवल उन्हीं व्यक्तियों से नहीं होगी जो हिंसा या तोडफ़ोड़ में लिप्त होंगे। इसकी भरपाई उनसे भी की जाएगी, जो विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व अथवा आयोजन करेंगे।