Uttarakhand: भू कानून समिति की रिपोर्ट का परीक्षण करेगी प्रारूप समिति, पांच सदस्यीय कमेटी हुई गठित

भू कानून को लेकर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया है।

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उत्तराखंड में भू कानून को लेकर समय-समय पर तमाम आंदोलन होते रहे हैं। सरकार ने इस मामले में निष्कर्ष पर निकलने के लिए भू कानून समिति का गठन किया था। Committee to Study uttarakhand land law Report समिति की तरफ से भू कानून के संदर्भ में अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भी प्रेषित कर दी, लेकिन मामले में रिपोर्ट आने के बाद भी भू कानून पर स्पष्टता नहीं आ पाई। मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया है। यह समिति पूर्व में गठित भू-कानून समिति की ओर से उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट का विस्तृत परीक्षण कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

खास बात यह है कि इस स्वरूप समिति को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। प्रारूप समिति में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ ही सदस्य के रूप में प्रमुख सचिव न्याय, सचिव राजस्व विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन और मुख्यमंत्री के अपर सचिव जगदीश कांडपाल भी रहेंगे। दरअसल उत्तराखंड में भू कानून हमेशा से ही एक गर्म मुद्दा रहा है। इस मामले पर राज्य सरकार दबाव में भी दिखाई देती रही है। बड़ी बात यह है कि समय-समय पर कई आंदोलन भी भू कानून को लेकर हुए हैं। पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित भू-कानून समिति ने अपनी रिपोर्ट बीते वर्ष सितंबर माह में मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इसे तत्काल लागू कर देगी, लेकिन भू-कानून में संशोधन के मामले में सरकार जल्दबाजी नहीं करना चाहती। कई परीक्षणों के बाद अब प्रारूप समिति का गठन किया गया है।