बीते फरवरी माह में नरेश कुमार अपने पुत्र की बीमारी का इलाज कराने के लिए दोपहिया वाहन से बिजनौर से एम्स आ रहे थे। हरिद्वार हाईवे पर चीनी मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। Successful surgery at AIIMS Rishikesh घायल को एम्स ट्रॉमा सेंटर में लाया गया। ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की देखरेख में ट्रॉमा सर्जन डॉ. रूबी, डॉ. संतोष, डॉ. रोहित व एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अंकित व डॉ. रीना ने जटिलतम सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। चिकित्सकों के अनुसार जिस वक्त घायल को एम्स ट्रॉमा सेंटर इमरजेंसी में लाया गया, तब तक घायल के शरीर से काफी हद तक रक्त बह चुका था, बीपी और धड़कन नहीं आ रही थी। ट्रॉमा इमरजेंसी टीम ने तत्काल घायल को प्रारंभिक जांच, उपचार के साथ रक्त चढ़ाकर स्टेबल किया और ऑपरेशन शुरू किया।
ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल व डॉ. नीरज कुमार की देखरेख में ट्रॉमा सर्जन डॉ. रूबी के नेतृत्व में ओपरेटिंग टीम के सदस्य डॉ. संतोष, डॉ. रोहित व एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अंकिन व डॉ. रीना ने जटिलतम सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया व गंभीर घायल को नया जीवन प्रदान किया। डॉ. रूबी के अनुसार केस काफी क्रिटिकल था, जिसमें मांझे से मरीज की गर्दन काफी गहरी कट गई थी। जिससे उसकी खाने की नली, सांस की नली व रक्त ध्वनियां जो दिल से दिमाग को खून देने का सिस्टम पूरी तरह से डैमेज था। मरीज को सफल सर्जरी के बाद सात दिन वेंटीलेटर पर आईसीयू में चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया। इसके बाद मरीज़ सामान्यरूप से भोजन व सांस ले रहा था।