उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खनन को लेकर अपनी ही सरकार पर तीखा हमला बोला है। इस पर उत्तराखंड में सचिव खनन बृजेश संत ने राज्य में खनन के आंकड़े जारी करते हुए आरोपों को सिरे से खारिज किया था। Uttarakhand Illegal Mining उन्होंने कहा था कि खनन से होने वाला राजस्व पिछले वर्षों की तुलना में इस साल सबसे अधिक रहा है। मगर, एक टीवी इंटव्यू में सचिव के बयान पर सांसद त्रिवेंद्र रावत ने तंज कसते हुए कहा था कि शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करता। अब इसी बयान पर सियासत गरमा गई है। रावत के बयान को लेकर उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने कड़ा विरोध जताया है। IAS एसोशिएशन का एक पत्र सार्वजनिक होने लगा। ये पत्र ब्यूरोक्रेट्स के आत्म सम्मान को ठेस न पहुचाने और ब्यूरोक्रेट्स को लेकर दिए गए किसी भी गलत बयान से बचने की नसीहत से जुड़ा हुआ था।
इस पत्र में IAS एसोसिएशन ने IAS अफसरों के आत्म सम्मान की बात लिखते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह के बयान से बचने की नसीहत दी है। हालांकि, इस पूरे पत्र में कहीं भी संगठन ने किसी निश्चित मामले का जिक्र नहीं किया है। आईएएस अधिकारी द्वारा अवैध खनन पर दिए गए जवाब के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत का जो बयान सामने आया, उसको लेकर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी आलोचना हो रही है। माना जा रहा है कि एक सीनियर नेता को किसी भी आक्रामक बयान से बचना चाहिए। खासतौर पर ऐसा बयान जो किसी दूसरे व्यक्ति को आहत करता हो। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान को लेकर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने भी खुलकर अपनी राय रखी है। महेंद्र भट्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की बात को काटते हुए स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में अवैध खनन नहीं हो रहा। बल्कि सरकार ने खनन के माध्यम से राजस्व बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब राजस्व बढ़ता है तो इसका मतलब खनन को लेकर बेहतर प्रबंधन होता है न कि अवैध खनन।