उत्तराखंड में मानसून सीजन इस बार भारी गुजर रहा है। 15 जून से अब तक की स्थिति देखें तो इस अवधि में आपदा में 60 व्यक्तियों की जान गई है, जबकि 37 घायल हुए हैं और 17 लापता हैं। इसके अलावा 1329 घरों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 35 पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं। 7694 पशु भी काल-कवलित हुए हैं। इसके अलावा कृषि भूमि, सड़कों, पुलों, बागानों आदि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार आपदा से विभागवार क्षति का आकलन कराया जा रहा है। शुक्रवार तक 637 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया था, जिसमें और वृद्धि होना तय है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से आगे भी राज्य के तमाम क्षेत्रों में वर्षा की चेतावनी जारी किए जाने के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी।
केंद्रीय टीम के दौरे को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रणजीत कुमार सिन्हा ने बताया भारत सरकार की टीम ने पूरे तीन दिन तक उत्तराखंड में रहकर आपदा से हुए नुकसान के क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार में किसी क्षेत्र के हुए भारी नुकसान का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की गई है जो कि केंद्र और राज्य दोनों को साझा की गई। यही टीम अपनी रिपोर्ट को भारत सरकार में भी सौंपी जाएगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा विभाग लगातार डिजास्टर मिटिगेशन यानी कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की न्यूनीकरण को लेकर कम कर रहा है। उन्होंने कहा इसका व्यापक असर अगले साल से देखने को मिलेगा। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया अब तक मोटा मोटा 650 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने बताया इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स को जानकारियां साझा कर दी गई हैं। आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा अभी यह क्षति प्रारंभिक तौर पर है। यह नुकसान आगे बढ़ता जाएगा। इस बार प्रदेश में होने वाले नुकसान को लेकर के रियल टाइम डाटा तैयार किया जा रहा है।