केदारनाथ यात्रा से पहले दुखद खबर: दिल का दौरा पड़ने से वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ का निधन

केदारनाथ धाम के वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ नहीं रहे। 31 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हो गया है।

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श्री केदारनाथ धाम में वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ का निधन हो गया। बीते कल शुक्रवार देर शाम को मृत्युंजय हीरेमठ का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया था। Mrityunjay Hiremath passes away आज उन्हें मंदाकिनी तट पर समाधि दी गयी। वहीं श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समित में शोक की लहर है। दक्षिण भारत के जंगम शैव समुदाय से तालुक रखनेवाले मृत्युंजय हीरेमठ अविवाहित थे। उनका परिवार अब स्थायी रूप से उखीमठ में ही निवास करता है। उनके पिता गुरुलिंग भी केदारनाथ धाम के पुजारी के रूप में सेवा दे चुके हैं। उनके बड़े भाई शिवशंकर लिंग मंदिर समिति केदारनाथ प्रतिष्ठान में पुजारी के पद पर हैं। वह श्री केदारनाथ धाम में वेदपाठी का कार्यभार संभाल रहे थे। यूट्यूब पर उनकी सुमधुर आवाज के लाखों फैन थे। मृत्‍युंजय शिव स्त्रोत और भगवान भोले शंकर के भजन गाते थे।

उनके वीडियोज में भगवान शिव से जुड़े मंत्र, स्‍तुतियां, श्‍लोक और स्‍त्रोत हुआ करते थे। उनकी ओजस्‍वी आवाज और पीछे मंदिर परिसर का दृश्‍य लोगों को मंत्रमुग्‍ध कर देता था। लोग उनकी आवाज सुनकर अलौकिक शांति का अनुभव करते थे। केदारनाथ मंदिर परिसर में उनका गाया ‘सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥’ सभी को बहुत पसंद आया था। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मृत्युंजय हीरेमठ के निधन की खबर मिलने पर मंदिर समिति के उखीमठ, जोशीमठ, देहरादून सहित सभी कार्यालयों, विश्रामगृहों में शोक सभा आयोजित हुई। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।