जोशीमठ पीड़ितों के पुर्नवास और मुआवजे को बनेगी अलग नीति, कल धामी कैबिनेट लगाएगी मुहर

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उत्तराखंड के जोशीमठ भू-धंसाव पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने अलग नीति लाने का फैसला किया है। यह नीति पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए हो सकती है। इस नीति पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई है। संभावना है कि इसी बैठक में पुर्नवास नीति को मंजूरी दे दी जाएगी। दावा किया जा रहा है कि नई नीति में नुकसान के सापेक्ष मुआवजे की दर तय होगी। यह दर अब तक आपदा प्रभावितों को सरकार की ओर से दी जाने वाली राहत राशि से अधिक हो सकती है।

अभी तक सरकार किसी भी अपदा की स्थिति में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में अलग अलग राशि आवंटित करती रही है। यह राशि पर्वतीय क्षेत्रों में आवास क्षतिग्रस्त पर 1 लाख एक हजार 900 रुपये और मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये निर्धारित है। लेकिन जोशीमठ में जिस प्रकार लोगों को नुकसान हुआ है, इस राहत पैकेज से कोई असर नहीं होगा। ऐसे में सरकार ने प्रभावितों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए अलग से नीति बनाने और राहत पैकेज देने पर विचार करने का फैसला किया है। राज्य सरकार की ओर से इससे पहले जमरानी बांध परियोजना के प्रभावितों को इसी प्रकार से नीति बनाकर लाभ दिया जा चुका है।

शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में धारण क्षमता के मुताबिक ही निर्माण कार्य को मंजूरी मिल सकती है। इसी के साथ बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था पर भी विचार विमर्श हो सकता है। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा बढ़ने की स्थिति में मुख्य मार्ग प्रभावित हो सकता है। ऐसे में बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब का आवगमन ठप हो सकता है। वही आज सीएम धामी आईटीबीपी के सभागार जोशीमठ में पुनर्वास पैकेज निर्धारित करने के लिए गठित समिति की बैठक लेंगे। इसके साथ ही वह सेना और आईटीबीपी के अफसरों के साथ भी मीटिंग करेंगे। इसमें प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री व पुनर्वास को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस व अन्य जरूरी सेवाओं के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे।