उत्तराखंड भी इन दिनों सूरज की तपीश से जल रहा है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई शहरों में लू यानी हीटवेव अलर्ट जारी किया है। heatwave alert in Uttarakhand ऐसे में लोगों से अपील की जा रही है कि जरूरत पड़ने पर ही वो घर से बाहर निकले। मौसम विभाग की माने तो फिलहाल लोगों को गर्मी से राहत मिलने से आसार नजर नहीं आ रहे है। आलम यह है कि 121 साल बाद दून का अधिकतम तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया। इसके चलते दिन के साथ रात को भी गर्म हवाओं ने जमकर झुलसाया। इससे पहले साल 1902 की चार जून को अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री रहा था, जो अभी तक का जून महीने का अधिकतम तापमान है। दिन प्रतिदिन बढ़ती गर्मी की वजह मौसम वैज्ञानिक प्री मानसून की बारिश का न होना भी बता रहे हैं।
प्रदेश के पर्वतीय जिलों में शुक्रवार हल्की बारिश होने की संभावना है। जबकि मैदानी इलाकों में झोंकेदार हवाओं के साथ गर्म हवा परेशान कर सकती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना जताई है। जबकि मैदानी इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। केंद्र की ओर से गर्म हवाओं का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में तो हालत ये है कि दोपहर के समय लोगों का सड़क पर निकलना भी मुश्किल हो रहा है। पहाड़ी जिलों का यहीं हाल है। यहां बीते 15 दिनों उच्च तापमान दर्ज किया जा रहा है। मौमस विभाग के अनुसार 15 जून तक लोगों को किसी भी तरह से हीटवेव से राहत मिलने से आसार नजर नहीं आ रहे है।