टिहरी की ‘Kiwi Queen’ ने किया सबको हैरान…कीवी की खेती से बनी लखपति!

टिहरी की कीवी क्वीन ने किया सबको हैरान...कीवी की खेती से करने लगी कमाई ! डेगूं की प्रकोप में खूब बिक रहा है कीवी..सीता ने विरोधियों को दिया मुंहतोड़ जवाब ! कल सीता खेती करती थी तो लोग ताने देते थे..आज इलाज के लिए कीवी ले जा रहे !

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Tehri (Uttarakhand) News : कोई नई शुरुआत करता है तो कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं…उन्हें लगता है कि..वो टाइम खराब कर रहा है…ये तो पुरानी कहावत है कि…सफलता की कुंजी पकड़ने के लिए पहला कदम तो बढ़ाना ही होगा…सीता भी अपने पहले कदम ही बढ़ाया था…तो लोग उसके मजे ले रहे थे…लोग सोचते थे कि..अरे फालतू का काम है…लेकिन किसी को पता नहीं था कि…एक दिन ऐसा आएगा जब सीता को लोग भगवान मानने लगेंगे…पसीना बहाना हमेशा अच्छा फल देता है…मेहनत कभी भी न तो बेरोजगार बनाती है…और न ही किसी को निराश करती है…लेकिन कुछ विरोधी होते हैं जो मेहनत वालों के रास्ते पर रोड़े बनते हैं…लेकिन उसी पार करना कोई सीता से सीखे..किस तरह से सीता ने अपनी बुलंदियों को बरकरार रखा..अपनी मंजिल को बरकरार रखा और आज सीता की मेहनत की लोग तारीफ करते हैं…एक वक्त था, जब कीवी की खेती शुरू करने पर लोगों ने सीता देवा का उनका मजाक उड़ाया…लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने फैसले पर अडिग रहकर खेतों में खूब पसीना बहाया…सीता को उम्मीद थी कि..एक दिन ऐसा होगा जब यही लोग तारीफ भी करेंगे..और सीता कीवी की खेती करती रही…काम छोटा बड़ा नहीं होता..ये अगर सीखना है तो सीता से सीखिए..सीता ने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझा…खीवी की खेती ही की लेकिन रंग और मेहनत से की…

डेंगू की दवा में सबसे बेहतर है कीवी…जब सीता ने कीवी की पैदावार ठानी तो हालात और जरुरत दोनों दूर थे..लेकिन आज सीता की मेहनत रंग लाई और कीवी क्वीन बन गई…टिहरी के दुवाकोटी गांव की सीता देवी ने कीवी की खेती को स्वरोजगार का जरिया बना है…. उनकी खेतों में कीवी के पौधे फलों से लकदक हैं….. जो उनकी मेहनत की गवाही दे रहे हैं…..कीवी की खेती करने के उनके इस सपने को लेकर लोगों ने सीता देवी का काफी मजाक उड़ाया…. सीता देवी बताती हैं कि गांव वाले उन्हें ताने देने लगे. ….किसी ने उनका साथ तक नहीं दिया….लेकिन लोगों के तानों ने उनके अंदर हिम्मत भर दी….. यही वजह कि उन्होंने कीवी फल के पौधों को अपने बच्चों की तरह देखभाल कीसीता देवी के पति राजेंद्र सिंह और दोनों बच्चों विकास और राहुल ने भी उनके इस काम में पूरी मदद की….जिसकी बदौलत एक साल के भीतर कीवी का बगीचा तैयार हो गया….

टिहरी जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी स्थित दुवाकोटी गांव की सीता देवी कुछ समय पहले तक जंगली जानवरों की परेशान थीं…उनकी फसलों को जंगली जानवर चौपट कर देते थे… ऐसे में सीता देवी ने कई बार खेती छोड़ने का मन बनाया….लेकिन परिवार के आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि खेती करना छोड़ दें…साल 2018 में सीता देवी को उद्यान विभाग की कीवी को प्रोत्साहन देने की योजना की जानकारी मिली….उन्होंने कीवी की खेती में हाथ आजमाने का फैसला लिया…. इसके लिए उन्होंने विभाग से संपर्क साधा…. जिसके बाद कीवी फल के उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के लिए उन्हें हिमाचल प्रदेश भेजा गया…. जहां उन्होंने कीवी की खेती के बारे में बारीकियां सीखी…अब टिहरी जिले की कीवी क्वीन सीता देवी को फल की काफी डिमांड मिल रही है….इन दिनों डेंगू का प्रकोप उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है तो कीवी की डिमांड काफी बढ़ गई है….डेंगू के इलाज में कीवी को काफी लाभदायक माना जाता है…. लिहाजा, कीवी के कीमत में बढ़ोतरी हो गई…. ऐसे में सीता देवी को लगातार कीवी की डिमांड मिल रही है…