सिलक्यारा सुरंग के मुहाने पर बनेगा बौखनाग देवता का मंदिर, कंपनी ने किया भूमि पूजन

सिलक्यारा टनल बचाव अभियान के सफलता के करीब एक महीने बाद टनल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टनल के प्रवेश द्वार पर बौखनाग देवता के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया।

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में दिवाली के दिन 12 नवंबर 2023 को 41 मजदूर फंस गए थे। Baba Baukh Nag Mandir 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 28 नवंबर 2023 को सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया है और सभी मजदूर पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बचाव अभियान के सफलता के करीब एक महीने बाद टनल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टनल के प्रवेश द्वार पर बौखनाग देवता के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। टनल हादसे के दौरान टनल के दाहिनी ओर अस्थाई बौखनाग देवता के मंदिर की स्थापना की गई थी। अब मंदिर को स्थायी रूप देने के लिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही भूमि पूजन किया गया है। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग में खोज बचाव के सफल होने की बौखनाग देवता से कामना की गई थी। कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण का वचन दिया गया था। इसलिए सोमवार को सिलक्यारा सुरंग के पास मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन का दिन पहले से ही तय था।

हादसे के बाद से ही अभी सुरंग का निर्माण बडकोट और सिलक्यारा की ओर से बंद है। सभी मशीन बंद हैं। जब सुरंग में काम करने की अनुमति मिलेगी। तब मशीनों के जरिये मंदिर निर्माण के लिए स्थल विकास का कार्य किया जाएगा। उत्तरकाशी के स्थानीय लोगों में बाबा बौखनाग को लेकर बड़ी मान्यता है। इन्हें पहाड़ों का रक्षक कहा जाता है। नौगांव में पहाड़ों के बीचों-बीच बाबा बौखनाग का मंदिर है। यहां के स्थानीय लोग बाबा बौखनाग को अपना ईष्ट देवता मानते हैं। मान्यता है कि, बाबा बौखनाग की उत्पत्ति नाग के रूप में हुई है। जिस दिन मजदूर सुरंग से बाहर निकले, उसके ठीक एक दिन पहले टनल के पास बनाए गए मंदिर के पीछे रिसाव से महादेव की आकृति सी बन गई, जिसे लोगों ने बाबा बौखनाग का साक्षात दर्शन कहा और इसके बाद लोग कहने लगे कि, रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेस होने के लिए बाबा बौखनाथ देवता वहां उपस्थित हुए।