कैलाश खेर और कन्हैया मित्तल के भजनों से राममय हुआ वातावरण, दोनों गायकों को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सायं रेसकोर्स बन्नू स्कूल में आयोजित राम राग एक संध्या राम के नाम भजन संध्या में शामिल हुए।

Share

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के साथ रेसकोर्स बन्नू स्कूल में आयोजित ‘राम राग’ एक संध्या राम के नाम भजन संध्या में शामिल हुए। ‘Ram-Raag’ program Dehradun उन्होंने पद्म कैलाश खेर और कन्हैया मित्तल को सम्मानित करते हुए कहा कि कैलाश खैर और कन्हैया मित्तल अपने भजनों के माध्यम से दुनिया में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। उनके भजन भाव विभोर करने के साथ दिल को छू लेते हैं। संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस भजन संध्या में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे आदर्श हैं जिनकी सभी लीलाएँ मानव जीवन में अनुकरणीय हैं। सच्चिदानंद स्वरूप होते हुए भी मानव जीवन में हमारे और आपके लिए वे अवतरित हुए, क्योंकि उन्हें समाज को “अच्छे मनुष्य बनो और अच्छे मनुष्य बनाओ“ का संदेश देना था।

कैलाश खेर ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाल पूरे विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया है। कन्हैया मित्तल ने कहा कि पहले ऐसे भी मुख्यमंत्री थे जिन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाई। लेकिन, अब ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो खुद रामसेवक हैं। कन्हैया मित्तल के भजनों के बीच दून का वातावरण पूरा भक्तिमय हो गया। चारों ओर दूनवासी भजनों पर झूमते दिखे ओर भगवा झंडे लहराते दिखे। जय श्री राम के उद्घोष के बीच कन्हैया मित्तल भी बीच में रुके। इसे देख भजन गायक कन्हैया मित्तल बोले कि आज देहरादून भी अयोध्या से कम नहीं है। भजन गायक कन्हैया मित्तल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य नहीं एक धाम है। उत्तराखंड से पहली बार स्पेशल खाटू श्याम के लिए बस चलाई गई। उन्होंने एक भजन सुनाते हुए कहा, अपना बना लो धामी को, दिल को दिल से जोड़ के।