केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में वोटिंग को लेकर महज 2 दिन का ही वक्त बचा है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। Kedarnath By Election जहां एक ओर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के मंत्री विधायक समेत तमाम दिग्गज नेता प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार-प्रसार कर रही है। आज प्रचार बंद हो जाएगा। 20 नवंबर को मतदान और 23 को मतगणना होगी। शांतिपूर्ण मतदान और मतगणना के लिए निर्वाचन विभाग और प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस उपचुनाव में भाजपा से आशा नौटियाल, कांग्रेस से मनोज रावत, उक्रांद से डॉ आशुतोष भंडारी के अलावा निर्दलीय त्रिभुवन चौहान, आरपी सिंह और प्रदीप रोहन रुढ़िया हैं। बीते 17 दिनों से सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। आज शाम 5 बजे प्रचार खत्म हो जाएगा।
अयोध्या के फैजाबाद संसदीय सीट और बद्रीनाथ में विधानसभा उपचुनाव मिली भारतीय जनता पार्टी करारी हार मिली थी। इस हार के बाद अब सबकी नजर हिंदुत्व के गढ़ केदारनाथ पर टिकी हुई है। बीजेपी के लिए केदारनाथ उपचुनाव में जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। तो वहीं, कांग्रेस इस चुनाव को जीतकर अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से वापस पाना चाहती है। केदारनाथ सीट बीजेपी विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई थी, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। चुनाव आयोग ने केदारनाथ सीट पर उपचुनाव की घोषणा करते हुए कहा कि यहां 20 नवंबर को वोटिंग होगी। जिसके बाद से इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। बीजेपी के लिए केदारनाथ उपचुनाव जितना इसलिए भी जरूरी है। क्योंकि, हाल ही में हुए दो विधानसभा सीट मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही केदार घाटी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा लगाव है. साथ ही उनके ड्रीम प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं।