नए साल से टूटने लगेगा गैरसैंण विधानसभा परिसर का सन्नाटा, होते रहेंगे संगोष्ठी और सेमिनार

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देहरादून: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन परिसर में पसरा रहने वाला सन्नाटा नए साल में टूटने लगेगा। प्रतिवर्ष विधानसभा के एक सत्र को छोड़ वहां शेष अवधि में संगोष्ठी, सेमिनार, कार्यशाला जैसे आयोजन निरंतरता में होते रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की पहल पर शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों ने भराड़ीसैंण में ऐसे आयोजनों के प्रति रुचि दिखाई है। विधानसभा अब नए वर्ष की शुरुआत में ऐसे आयोजनों के लिए सारिणी बनाएगी। साथ ही वहां कैंटीन समेत अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, ताकि आयोजकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

इस पहल के आकार लेने से जहां विधानसभा परिसर में स्थित भवनों का उपयोग हो सकेगा, वहीं आयोजनों से प्राप्त होने वाली राशि रखरखाव में खर्च हो सकेगी। जनभावनाओं का केंद्र रहे गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों और अधिकारियों- कर्मचारियों के आवास बन चुके हैं। ये बात अलग है कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी वर्ष 2020 में घोषित किया गया। भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर की छटा देखते ही बनती है, सालभर में विधानसभा के एकाध सत्र के दौरान ही यहां चहल-पहल रहती है। सत्र समाप्त होते ही वीरानी पसर जाती है।

इस बार तो पिछले 17 माह से गैरसैंण में विधानसभा का कोई सत्र भी नहीं हुआ है। विधानसभा परिसर के भवनों का वर्षभर उपयोग होता रहे, इसके लिए कुछ समय पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी मंत्रियों को पत्र भेजकर उनसे अपने-अपने विभागों से संबंधित सेमिनार, संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे आयोजन गैरसैंण में कराने का आग्रह किया था। उनकी इस पहल के सकारात्मक परिणाम आए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के अनुसार गैरसैंण में सत्र की अवधि को छोड़ शेष समय में कार्यक्रम होते रहें, इसके लिए शीघ्र ही समय सारिणी तय की जाएगी। फिर इसी आधार पर आयोजनों के लिए विधानसभा परिसर दिया जाएगा। सुरक्षा समेत अन्य विषयों को लेकर शासन से वार्ता की जाएगी।