हरिद्वार और नैनीताल सीट के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में असमंजस बरकरार, हरीश और वीरेंद्र रावत में से किसे मिलेगा टिकट?

कांग्रेस ने अभीतक हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अथवा उनके पुत्र वीरेंद्र रावत में से किसी एक का टिकट तय माना जा रहा है।

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हरिद्वार और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीटों पर प्रत्याशी तय करने को लेकर कांग्रेस में असमंजस बना हुआ है। शनिवार को भी पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की जा सकी। Congress Is Confused Election बताया जा रहा है कि हरिद्वार सीट पर प्रत्याशी को लेकर पेच फंसा हुआ है। इस कारण नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर भी प्रत्याशी के चयन पर अंतिम निर्णय लेने में देरी हो रही है। हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अथवा उनके पुत्र वीरेंद्र रावत में से किसी एक का टिकट तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान इस सीट पर हरीश रावत को ही मजबूत प्रत्याशी के रूप में देख रहा है। वहीं हरीश रावत स्वयं अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाए हुए हैं। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर पूर्व सांसद महेंद्र पाल टिकट की दौड़ में आगे चल रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट 13 मार्च को जारी की थी। इसी लिस्ट में कांग्रेस ने उत्तराखंड की तीन सीटों गढ़वाल सीट पर गणेश गोदियाल, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से प्रदीप टम्टा और टिहरी से जोत सिंह गुनसोला के नामों की घोषणा की थी, लेकिन दो महत्वपूर्ण सीटों हरिद्वार लोकसभा सीट और नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस अभीतक नाम तय नहीं कर पाई है। हरीश रावत पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। हालांकि, शनिवार को उन्होंने उत्तराखंड पहुंचकर प्रचार-प्रसार किया। इससे माना जा रहा है कि हाईकमान के आगे हरीश रावत की पैरवी ने उनके पक्ष में फैसला दिया है। कांग्रेस की इस हालत पर हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है। कांग्रेस बीजेपी की इस लहर को देखकर डरी हुई है। यही कारण है कि तमाम बैठकों के बाद भी कांग्रेस किसी का नाम तय नहीं कर पा रही है।