बद्रीनाथ में 20 रुपए में खरीद कर 120 में बेचे जा रहे दो लड्डू, आस्था के नाम पर घोटाला, जिम्मेदार कौन?

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बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के बैनर तले श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है. भगवान के प्रसाद के नाम पर लड्डू में करोड़ों का गोलमाल किया जा रहा है। मंदिर समिति के कर्मचारी सदस्य सामने तो नहीं आ रहे, लेकिन दबी जुबान से कह रहे हैं लड्डू के विक्रेता कोई व्यापारी नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर नोडल अधिकारी है। बद्रीनाथ धाम के नाम पर मंदिर के परिसर में पूजा काउंटर से तीर्थ यात्रियों को 120 ग्राम का लड्डू का डिब्बा ₹120 में दिया जा रहा है।

मंदिर समिति को लड्डू का डिब्बा सिर्फ 20 रुपए में मिलता है और 100 रुपए विक्रेता अपनी जेब में रख लेता है। इस साल बद्रीनाथ के कपाट जब से खुले हैं, लगभग एक करोड़ का लड्डू बेचा जा चुका है, जिसमें मंदिर समिति के पास लगभग 16 से 17 लाख रुपए आए हैं। हैरानी वाली बात है 2015 से अब तक इसकी कोई स्टॉक एंट्री नहीं होती है और कितना लड्डू मंदिर काउंटर से विक्रय हुआ इसका कोई हिसाब किताब भी नहीं है। मंदिर समिति के एक अन्य सदस्य ने लड्डू प्रकरण पर हुए बड़े गोलमाल को लेकर मंदिर प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगी है।

मंदिर प्रशासन अब दस्तावेज और रिपोर्ट उपलब्ध कराने को लेकर पूरे तरीके से कोताही बरत रहा है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर रिपोर्ट या दस्तावेज सामने आते हैं तो कहीं किसी बड़ी बात का पर्दाफाश ना हो जाए. रिकॉर्ड्स और दस्तावेजों के केंद्र में पूर्व समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल का करीबी अनिल ध्यानी है। 2015 में तत्कालीन मंदिर समिति के अध्यक्ष गोदियाल ने अनिल ध्यानी को लड्डू का नोडल अधिकारी बनाया था। 2015 से मंदिर समिति में किसी नोडल अधिकारी को नहीं बदला गया, बल्कि महत्वपूर्ण कामों को भी ध्यानी को सौंपा गया।

इस साल लगभग एक करोड़ के लड्डू बिना हिसाब-किताब के बेच दिए गए। इस लापरवाही के जिम्मेदार वर्तमान में मंदिर समिति के पदाधिकारी और सदस्य गण भी हैं। 3 अगस्त को मंदिर समिति की बोर्ड मीटिंग है। इस खुलासे के बाद यह बोर्ड मीटिंग हंगामेदार हो सकती है। अब देखना होगा कि क्या लड्डू के गोलमाल मामले में मंदिर समिति इस बोर्ड मीटिंग में एसआईटी जांच के लिए तैयार होती है या नहीं।