आगबबूले हुए स्कूलों ने बोला- शिक्षा मंत्री जी-क्या हमारे बच्चे पाकिस्तान के हैं! जानिए क्या है पूरा मामला…

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देहरादून: शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सोमवार को तीन महीने बाद एक बार फिर से सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक संगठनों के साथ रुबरू थे। बेसिक शिक्षा निदेशालय सभागार में तीन घंटे तक चली बैठक में शिक्षकों ने खुलकर अपने गिलेशिकवे मंत्री के सामने रखे। जहां शिक्षकों ने अफसरों पर कभी सीधा तो कभी परोक्ष आरेाप जड़े। वहीं अफसरों ने भी तीखे तेवर दिखाते हुए शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए नसीहतें भी दी।

प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष पीसी सुयाल ने कहा कि राजकीय स्कूल छात्रों को टैबलेट, किताब, ड्रेस सभी सुविधाएं मिलती है। हमारे स्कूलों के बच्चे क्या पाकिस्तान के हैं? शिक्षकों को आक्रामक होता देख महानिदेशक का पारा भी चढ़ गया। तल्खी के साथ कहा कि शैक्षिक प्रदर्शन में सरस्वती शिशु मंदिर सबसे आगे हैं, फिर राजकीय स्कूल और उसके बाद अशासकीय का नंबर आता है। शिक्षकों के बहस जारी रखने पर शिक्षा मंत्री ने दखल दिया हालांकि शिक्षा मंत्री ने हर बार बात को संभालते हुए शिक्षकों के प्रति नरम रुख अपनाते रहे।

बैठक की शुरूआत शिक्षा मंत्री ने एलटी का स्टेट कैडर बनाने के प्रस्ताव से की। इस पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह तत्काल सहमति जता दी। कहा कि जूनियर के सभी शिक्षकों को भी एलटी घोषित कर दिया जाना चाहिए। इस पर राजकीय शिक्षक संघ महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने आपत्ति जता दी। इस पर दोनों नेताओं के बीच नोंकझोक हो गई इसी बीच संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने संघ की प्रतिष्ठा और चुनाव को लेकर टिप्पणी कर दी तो माजिला भी बिफर गए। शिक्षकों के मुद्दों के बजाए बैठक को चुनाव पर चर्चा करते देख शिक्षा मंत्री फिर से सभी को मुददों की ओर लाए।

बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, वहीं शिक्षक प्रतिनिधिमंडल मिलने आ जाते हैं। कमोबेश सभी एक ही मांग रहती है। जब प्रदेश स्तर पर चर्चा हो चुकीं हैं तो फिर बार बार एक ही बात क्यों? मैं एक बार गैरसैंण गया तो वहां देर रात तक शिक्षक इंतजार कर रहे थे। मैं नहीं चाहता कि शिक्षक परेशान हों। उन्होंने शिक्षक नेताओं को ऐसा नेटवर्क तैयार करने को कहा, जिससे शिक्षकों संगठन के स्तर से जानकारी मिल जाए। इस पर राजकीय शिक्षक संघ केपूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने टिप्पणी कर दी कि, संघ का विश्वास खत्म हो गया है। इसलिए ऐसा हो रहा है।

बैठक में बेसिक शिक्षा निदेशक वंदना गरब्याल, एडी रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, वीएस रावत, डॉ. आरडी शर्मा,अजय नौडियाल, एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती, वित्त नियंत्रक गुलफाम अहमद, आशा रानी पैन्यूली, कमला बड़वाल, शिक्षक संघ से सुंदर कुंवर, प्रधानाचार्य परिषद से हेमलता आदि मौजूद रहे।