उत्तराखंड में खनन कार्यों में लगे वाहनों पर जीपीएस अनिवार्य हो गया है। इससे राज्य से अवैध खनन रोकने पर लगाम लग सकेगी। Illegal Mining In Uttarakhand अवैध खनन में पकड़ी जाने वाली पोकलेन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। ऐसे मामले में 10 टायर ट्रक-डंपर के पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी गई है। खनन की चोरी रोकने और माफिया पर शिकंजा कसने के लिए खनन विभाग ने खनिज की अवैध ढुलाई और खनन करने पर जुर्माना बढ़ा दिया है। जीपीएस और धर्मकांटा को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के विभागीय ई- रवन्ना पोर्टल के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा। इसके अलावा खनिज ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों का रूट एसडीएम, जिला खान अधिकारी और वाहन स्वामियों के समन्वय के साथ तय होगा।
यदि वाहन की नंबर प्लेट नहीं है, स्पष्ट नहीं है, या ई-रवन्ना नहीं है, तो जिला खान अधिकारी पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं, जो कि उस स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट और रिटेल भंडारणकर्ता पर लागू होगा जिससे खनिज लाया गया है। नए नियमों के तहत अब छोटे स्तर पर रिटेल भंडारण की अनुमति दी गई है, जिससे कारोबार करने में सुविधा होगी। इस अनुमति की अवधि पांच साल होगी और भंडारण की अधिकतम सीमा 200 घनमीटर तक होगी। भंडारकर्ता को अपने भंडारण क्षेत्र में किसी भी संशोधन की सूचना स्थानीय समाचार पत्र में देनी होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस सूचना पर आपत्ति है, तो उसे विज्ञप्ति के प्रकाशन के 15 दिन के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार होगा।