दरोगा भर्ती धांधली: विजिलेंस ने जांच पूरी कर शासन को भेजी रिपोर्ट, अब शासन करेगा दरोगाओं के भविष्य का फैसला

दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है और शासन की तरफ से अब इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाना है।

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उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से ठंडे बस्ते में दिखाई दे रही दरोगा भर्ती की जांच अब पूरी कर ली गई है। Uttarakhand Inspector Recruitment Scam मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है और शासन की तरफ से अब इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाना है। विजिलेंस को कई दरोगाओं के खिलाफ पैसे देकर भर्ती होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं, जबकि कई दरोगाओं पर आरोप साबित हुए हैं। 20 दरोगा पिछले साल जनवरी से सस्पेंड चल रहे हैं। अब इन दरोगाओं के भविष्य का फैसला शासन में ही किया जाना है। बताया जा रहा है कि जल्द सतर्कता समिति की बैठक में इन दरोगाओं के खिलाफ मुकदमे या अन्य कार्रवाई पर फैसला किया जाना है।

दरअसल साल 2015 में राज्य में कुल 339 पदों पर दरोगाओ की सीधी भर्ती की गई थी। जिसमें बड़े स्तर पर धांधली की बात सामने आई थी। यह परीक्षा पंत नगर विवि ने आयोजित कराई थी। पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था। विजिलेंस ने आठ अक्तूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था। तब से इस मामले की जांच चल रही थी। शक के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया था। हालांकि अब शासन जब इस पर फैसला लेगा, तभी इस पर स्थिति स्पष्ट हो पाएग, लेकिन विजिलेंस की जांच के दौरान तमाम दरोगाओं की वित्तीय स्थितियों को भी देखा गया था। जिसमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग विजिलेंस के हाथ लगे थे।