बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले केन्द्र सरकार की बड़ी सौगात, आपदा से सुरक्षित करने के लिये 291.15 करोड मंजूर

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भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर ज्योतिर्मठ को आपदा सुरक्षित करने के लिए 291.15 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। 291.15 crores approved for Badrinath Dham मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ के पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिये धनराशि की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास तथा सुरक्षित दीर्घकालिक कार्यों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता तथा क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से न केवल ज्योतिर्मठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा, अपितु स्थानीय निवासियों एवं देश-विदेश से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित विश्राम हेतु स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही भगवान बद्रीविशाल के शीतकालीन प्रवास हेतु नरसिंह मंदिर के आस-पास के निवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। ज्ञातव्य है कि दिनांक 2 जनवरी, 2023 को ज्योतिर्मठ के कई घरों और अवसंरचनाओं में भू-धंसाव के कारण बड़ी दरारें दिखाई देने लगी थी। ज्योतिर्मठ नगर में स्थित संरचनाओं में से लगभग 22 प्रतिशत संरचनायें इससे प्रभावित हुई थी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत इस संबंध में शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की जानकारी ली तथा मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र का भ्रमण किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एनडीएमए, यूएसडीएमएम, आईआईटी रुड़की, यूएनडीपी, सीबीआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, एनआईडीएम, और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञों से युक्त 35 सदस्यीय टीम ने अप्रैल 2023 के चौथे सप्ताह के दौरान पीडीएनए (Post Disaster Need Assessment) करने के लिए ज्योतिर्मठ का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान आवास और पुनर्वास स्वास्थ्य और शिक्षा पेयजल और स्वच्छता सहित नागरिक सुविधाओं सड़क और पुल जैसे स्थानीय स्तर के बुनियादी ढांचे, आपदा जोखिम में कमी और पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए क्षेत्रवार क्षति का आकलन किया। उपरोक्तानुसार विशेषज्ञों द्वारा ज्योतिर्मठ भू-धसाव के सम्बन्ध में दी गयी निरीक्षण आख्या के क्रम में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा ज्योतिर्मठ शहर और आसपास के क्षेत्र में पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कराए जाने हेतु वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने ज्योतिर्मठ शहर में जमीन के धंसने को रोकने और शहर के निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव दिया। प्रारंभ में अस्थिर क्षेत्रों को स्थिर करने और शहर की जलनिकासी और सीवरेज प्रणाली में सुधार करने के लिए परियोजनाओं को शुरू करने की योजना है। इन गतिविधियों से जमीन की स्थिरता में सुधार होगा, जिससे भवन बनाने के लिए मजबूत भूमि उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही घरों और बुनियादी ढांचे के विध्वंस और पुनर्निर्माण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने में मदद मिलेगी। प्रथम चरण में परियोजनाओं में अलकनंदा नदी के किनारे Toe Protection कार्य ढलान स्थिरीकरण उपाय,Water and Sanitation शामिल हैं। इन पहलुओं पर डीपीआर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा तैयार करायी गयी है और अनुदान की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार को प्रस्तुत की गई।